एक कंक्रीट कोशिश हो ताकि फिर ना घटे कोई ऐसी घटना


आशुतोष रंजन
गढ़वा

गढ़वा बाईपास रोड से अभी औपचारिक परिचालन की शुरुआत भले नहीं हुई है,पर वो कई सड़क दुर्घटना का गवाह बन चुका,उस फेहरिस्त में आज एक और घटना तब जुड़ गया जब शहर से मजदूरी कर घर लौट रहे एक व्यक्ति को मालवाहक वाहन ने कुचल डाला,जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई,मुआवजा और आश्रितों को नौकरी सहित एक ऐसी व्यवस्था की लोगों ने मांग की ताकि आगे अब और घटना घटित ना हो,आइए आपको पूरी ख़बर बताते हैं।

मौत का बाईपास : – कल्याणपुर पंचायत के धर्मडीहा गांव निवासी निराला राम जब घर से निकला था तो उसकी पत्नी द्वारा उससे घरेलू सामान के वास्ते दाल,सब्जी और बच्चों के बाल धोने वास्ते शैम्पू लाने को ले कर कहा गया था,जब शाम हुआ यानी उसके घर आने का वक्त हुआ तो वो अपने बच्चों के साथ उसका राह भी ताक रही थी,लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था,क्योंकि उसके द्वारा तो पत्नी द्वारा कहे गए सभी सामग्री को भले ख़रीद लिया गया पर वो उसे घर नहीं पहुंचा सका,क्योंकि अपने गांव से कुछ ही दूरी पर अवस्थित बाईपास सड़क से गुजरते वक्त मालवाहक वाहन द्वारा उसके बाइक को इतना जोरदार टक्कर मारा गया की वो उक्त वाहन के साथ बहुत दूर तक घसीटाता चला गया,नतीजा हुआ की उसकी मौत हो गई,तस्वीरों में आप बेशक जहां एक ओर उसके शव को देख रहे हैं तो उधर दूसरी ओर उसके शव से कुछ ही दूरी पर सड़क पर बिखरे पड़े दाल आलू,सर्फ और बच्चों के बाल धोने वास्ते खरीदे गए शैंपू के पाउच भी दिख रहा होगा,जिसे महज़ कुछ ही देर में ले कर वो घर को पहुंच जाता लेकिन ऐसा तो होना होनी को स्वीकार नहीं था,उधर उसकी मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने दो मक़सद से कुछ देर के लिए शव को रोके रखा ताकि जहां एक ओर सरकार और प्रशासन से मृतक के परिवार के लिए मुआवजा और एक नौकरी की मांग की जा सके तो वहीं दूसरी ओर एक ऐसी कंक्रीट व्यवस्था हो जिससे ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।

मिलेगा मुआवजा : – उधर घटना के दो घंटे बाद ही सही सिविल प्रशासन से जुड़े गढ़वा बीडीओ सीओ एवं नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे एवं आक्रोशित लोगों से बात कर उन्हें सहायता को ले कर आश्वस्त करते हुए शव उठाने देने का आग्रह किया अनमने ढंग से ही सही लोगों ने शव उठाने दिया,क्योंकि किसी भी सरकारी लाभ लेने के लिए अंत्यपरीक्षण कराना भी आवश्यक है,मौक़े पर सीओ मयंक भूषण ने कहा की घटना तो घटित हो ही गई,लेकिन प्रावधान के तहत जो भी सहायता निहित होगी वो मृतक के परिवार को यथाशीघ्र दी जाएगी।

घटना का घट जाना और लोगों के आक्रोश के बाद कुछ सरकारी मुआवजा का मिल जाना इसे स्थाई हल कहा जाना उचित नहीं होगा,जरूरत है एक ऐसी सकारात्मक सोच के साथ नेक नियति वाली पहल करने की ताकि फ़िर किसी ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो।