प्राथमिक उपचार के बाद रांची हुआ रेफर


आशुतोष रंजन
गढ़वा

रात का दस बज रहा होगा,वो अपने घर को लौट रहा था की अचानक जंगली भालू ने उस पर हमला कर दिया,उक्त हमले में वो बुरी तरह घायल ज़रूर हुआ,लेकिन जब आप पूरी कहानी जानेंगे तो निश्चित रूप से उसके हिम्मत की दाद देंगे।

वो घंटो बालू से लड़ता रहा : – झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर गढ़वा जिला में अवस्थित सरुअत पहाड़ के तिलैया गांव निवासी लगन कोरवा रात के दस बजे अपने घर को लौट रहा था की उसी दरम्यान जंगली भालू द्वारा उस पर हमला बोल दिया गया,अचानक हुए हमले से वो विचलित तो ज़रूर हुआ लेकिन फौरन वो संभला भी,और उसके द्वारा उस भालू से दो दो हाथ किया जाने लगा,एक ओर जहां भालू उसे नोचता खसोटता रहा तो उधर दूसरी तरफ़ वो भी उससे जूझता रहा,और अंततः घंटो की लड़ाई के बाद वो भालू को खुद से ही भगाने में कामयाब रहा,लेकिन तब तक उस जंगली भालू द्वारा उसे काफ़ी नुकसान पहुंचाया जा चुका था,गंभीर रूप से ज़ख्मी हालात में ही उसके द्वारा लोगों को आवाज़ दी गई तो ग्रामीण उस तक पहुंचे और उसे उस हालात में देख आवाक रह गए,उस हालात में ही लगन द्वारा हमले के विषय में गांव वालों को पूरी जानकारी दी गई,एक तरफ़ जहां वो असहनीय पीड़ा से कराह रहा था वहीं ग्रामीण यह सोच कर कुहंक रहे थे की आख़िर अब हम इसे इस पहाड़ से नीचे कैसे ले जाएं जिससे इसका इलाज़ कराया जा सके,किसी किसी तरह सुबह होने के बाद जानकारी पहुंचाई गई तो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले नवनीत शुक्ला को घटना के बावत जानकारी मिली उनके द्वारा लगन की तस्वीर और हल्की जानकारी सदर अस्पताल ग्रुप में भेजा गया,उक्त जानकारी मिलने पर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और उसे अस्पताल लाया गया,जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज़ के लिए उसे रांची रेफर कर दिया गया।