जिला को नशामुक्त बनाने में जुटी है गढ़वा पुलिस


आशुतोष रंजन
गढ़वा

गढ़वा में लोग नशे के आदि हैं,यहां नशे का कारोबार होता है इसकी जानकारी से तो हम आप अवगत थे,लेकिन यहां नशे की खेती भी होती है इससे तो अनभिज्ञ ही थे और शायद आगे भी अनजान ही रहते अगर आज पुलिस द्वारा उसका पता लगाकर उसे नष्ट नहीं किया जाता,आख़िर जिले में कहां हो रही थी नशे की खेती और पुलिस उसे नष्ट करने वहां तक कैसे पहुंची साथ ही कैसे हुई कार्रवाई आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताते हैं!

यहां हो रही थी नशे की खेती : – गढ़वा को नक्सलियों से पूरी तरह मुक्त कराने के बाद अब पुलिस कप्तान दीपक कुमार पांडेय अपने टीम के साथ जिला को अपराधियों और नशा से मुक्त कराने की दिशा में तीव्रता से जुटे हुए हैं,जिसमें अनवरत सफ़लता भी हासिल हो रही है,अब आज जो सफ़लता मिली उससे पहले यहां यह बताना ज़रूरी है की नशे की खेती कहां हो रही थी,उस बावत आपको बताएं की कभी बेहद नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचाना जाने वाला जिले के मझिआंव थाना क्षेत्र के जाहरसरई गांव से सटे पहाड़ की तलहटी में दलहन और तिलहन के बजाए नशे की खेती की जा रही थी,आपको बताएं की पूर्व में जब नक्सली क़ाबिज़ थे तो उनके द्वारा ग्रामीणों को बहला कर नशे की खेती कराई जाती थी,उनके द्वारा ग्रामीणों से कहा जाता था की यह जो खेती है यह इससे दवा तैयार होता है,उन्हें इससे अनभिज्ञ रखा जाता था की यह नशे की खेती है,खेती करने से ले कर उसके तैयार होने तक उसकी निगरानी और निगेहबानी ग्रामीण करते थे लेकिन जैसे ही वो पूरी तरह तैयार हो जाता उस वक्त नक्सली उसे ले जाते और उससे होने वाले आमदनी को संगठन के इस्तेमाल में लाते,लेकिन आज भले नक्सली नहीं हैं पर ग्रामीणों खेती द्वारा खेती का गुर सीख लिया गया और उसकी खेती उनके द्वारा अभी भी की जा रही है,पर शायद वो इस जानकारी से पूरी तरह वाकिफ़ होने के बाद की खैनी,गुटखा,सिगरेट और शराब से उनके साथ साथ उनके बच्चे तो बर्बाद हो ही रहे हैं लेकिन कहीं अगर उन्हें इस नशे की लत लग गई तो पूरी नस्ल ही नष्ट हो जाएगी,इसी संभावित खतरे से जिले को बचाने की दिशा में पुलिस कप्तान द्वारा अपनी टीम के साथ एक अभियान चलाई जा रही है!

नष्ट की गई खेती नशे की : – पुलिस कप्तान दीपक कुमार पांडेय को सूचना मिली कि जाहरसरई गांव से सटे पहाड़ की तलहटी में नशे की खेती यानी अफ़ीम की खेती की जा रही है,पहले तो सूचना का सत्यापन कराया गया,तत्पश्चात अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नीरज कुमार नेतृत्व में तत्काल एक टीम का गठन किया गया और टीम उक्त खेती स्थल पर पहुंची और तत्क्षण कार्रवाई करते हुए पूरी खेती को नष्ट कर दिया गया,उधर पुलिस को आता देख फ़रार हो जाने वाले वालों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।

यह फ़ायदे की नहीं नुक़सान की खेती है : – उक्त नशे की खेती को नष्ट करने में अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन करने वाले अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नीरज कुमार ने कहा कि अपने पुलिस कप्तान से प्राप्त निर्देश के आलोक लगभग दो एकड़ में पूरी तरह तैयार तैयार अफ़ीम की खेती को जहां एक ओर नष्ट कर दिया गया तो वहीं स्थल पर मौजूद रहने वालों के साथ गांव में भी पहुंच ग्रामीणों को बताया गया की जिस खेती को आप फ़ायदे की खेती मान रहे हैं यह आपके साथ साथ आपके पूरे नस्ल को पूरी तरह बर्बाद कर देने वाली यानी नुक़सान की खेती है,आप और आपके बच्चों की सेहत खैनी,गुटखा,सिगरेट और शराब के सेवन से बर्बाद तो हो ही रही है,यह नशा तो पूरी तरह जीवन ही बर्बाद कर देगा इसलिए इसकी खेती से पूरी तरह दूर रहते हुए आप धान गेहूं सब्जी और फूल की खेती करें जिससे एक ओर जहां आर्थिक उपार्जन भी होगा तो वहीं दूसरी ओर आपका और आपके पूरे परिवार की ज़िंदगी खुशहाल रहेगा!