मामले की पड़ताल में जुटी पुलिस


आशुतोष रंजन
गढ़वा

प्रतिरोज की उसकी दिनचर्या यही थी कि अहले सुबह घर से निकल कर देर शाम घर को लौट आता था तो वो कल भी घर से ठीक उसी तरह निकला शाम में उसकी बात जब घर में हुई तो उसके द्वारा बताया गया की वो कार्यस्थल से निकला है और शहर मुख्यालय जा रहा है जहां उसे किसी से बकाया पैसा वापस लेना है,बात होने के बाद जब घर पहुंचने का निर्धारित समय ख़त्म हुआ तो घरवालों द्वारा उससे बात करने की कोशिश की गई लेकिन उसका फोन बंद मिला,उसके बाद उसकी खोजबीन शुरू की गई लेकिन बहुत देर तलाशने के बाद उसका कोई सुराग नहीं मिला,इसी बीच पुलिस द्वारा उसका शव पाए जाने की जानकारी परिवार वालों को दी गई,जानकारी मिलते ही बदहवास परिजन शव मिलने वाले स्थल पर पहुंचे,आख़िर वो कौन था जिसका शव पाया गया आइए आपको बताते हैं!

यह हत्या है या आत्महत्या : – वो कौन था इस बावत आपको बताएं की बेलचंपा गांव निवासी सूरज नामक युवक कल अहले सुबह घर से टंडवा पहुंचा था जहां वो सेटरिंग का काम कर रहा था,काम पूरा होने के बाद वो शाम में वहां से निकला और फोन कर घरवालों को बताया की वो शहर के चिनिया मोड़ पास जा रहा है जहां किसी के पास उसका पैसा बाक़ी है उसके बाद घर का कुछ सामान खरीदी कर जल्द वापस लौट आएगा लेकिन जब काफ़ी देर हुई तो घरवालों की चिंता बढ़ी,जब उससे बात करने की कोशिश की गई तो उसका मोबाइल बंद मिला,इसी बीच पुलिस द्वारा परिजनों को सूचना दी गई की उसका शव उड़सुगी गांव पास से गुज़रे रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ है,जानकारी मिलते ही परिजन उक्त स्थल पर पहुंचे,उधर शहर थाना पुलिस शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम कराने हेतु अस्पताल ले लाई,इधर परिजनों द्वारा आत्महत्या से सीधे रूप में इनकार करते हुए कहना है की सूरज की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी,घर परिवार के बाद केवल अपने काम से मतलब रखने वाला सूरज बेहद सरल स्वभाव का था इसलिए उसके द्वारा आत्महत्या नहीं की जा सकती,उसकी हत्या की गई है!

मामले की पड़ताल में जुटी पुलिस : – इधर हर जटिल मामले का अनुसंधान करने में महारत हासिल गढ़वा पुलिस द्वारा सूरज के मामले की भी पड़ताल शुरू कर दी गई है,अब देखना यह होगा की अनुसंधान में क्या स्पष्ट होता है सूरज की हत्या की गई थी या उसके द्वारा आत्महत्या की गई थी..?