लेकिन क्या प्रसव कक्ष की अनियमितता भी दूर हो पाएगी..?


आशुतोष रंजन
गढ़वा

लाखों की आबादी को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाला जिले का सदर अस्पताल जिसके नेकनामी की चर्चा कम और बदनामी की बात ज्यादा होती है,क्योंकि डॉक्टरों और कर्मियों की लापरवाही से कुछ ऐसी अनहोनी घटित हो जाती है जिससे इसके पाले में नाम से ज्यादा बदनामी आ जाती है,ऐसी बात नहीं है कि इसके बदहाल हालात में सुधार के लिए प्रयास नहीं किया जा रहा है,जहां एक ओर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हो उस निमित राज्य में सत्तासीन सरकार प्रतिबद्ध है तो वहीं दूसरी ओर गढ़वा विधायक सह राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटे हुए हैं,एक तरफ़ जहां उनके द्वारा ख़ुद भी विकासीय कार्यों को कार्यरूप देते रहने के बीच अनवरत अस्पताल की इलाजीय व्यवस्था के विषयक जानकारी ली जाती है तो वहीं स्थिति को सुदृढ़ करने वास्ते स्वास्थ्य विभाग का प्रतिनिधि भी नियुक्त किया गया है,तो इधर जिले के उपायुक्त शेखर जमुआर भी वक्त बे वक्त अस्पताल पहुंच कर स्थिति को नज़र करते हैं साथ ही जब भी बैठक होती है तो उनके द्वारा सिविल सर्जन को व्यवस्था के निमित ताकीद भी की जाती है,कुछ छोटी बड़ी लापरवाही को दरकिनार तो नहीं कर सकते पर थोड़ा परे रखें तो अस्पताल के हिस्से उपलब्धि भी आती है,आज सदर अस्पताल के पाले में एक बड़ी उपलब्धि आई है,क्या है वो उपलब्धि आइए आपको बताते हैं।

एक उपलब्धि गढ़वा सदर अस्पताल के नाम : – बदनामी वाली सभी बातों के बीच आज एक नेकनामी की चर्चा भी होनी चाहिए,माकूल प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा सदर अस्पताल के नाम जो उपलब्धि दर्ज़ कराई गई है उसके बावत आपको बताएं कि नगर परिषद के सोनपुरवा मोहल्ला निवासी शंभू प्रसाद गौड़ जिनका कुल्हा टूट गया था,किसी तरह हाड़तोड़ मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करने वाले शंभू को कूल्हे के टूटने के दर्द से ज्यादा परिवार की चिंता सालने लगी,खाट पर पड़े पड़े वो उस चिंता से दोहरे होने लगे,इस बीच इलाज़ वास्ते भी उनके परिजनों द्वारा डॉक्टरों से जानकारी ली गई तो इलाज़ का खर्च सुन कर सबों के पेशानी पर बल आ गया की एक एक पाई के मोहताज हम इनका इतना महंगा इलाज़ कैसे करा पाएंगे,इसी क्रम में परिजनों द्वारा विधायक के स्वास्थ्य विभाग प्रतिनिधि कंचन साहू को जानकारी दी गई,उधर पद पर नहीं रहने के बाद भी समाजसेवा के ज़रिए समाज के अंतिम व्यक्ति तक समुचित स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने वाले कंचन साहू शंभू गौड़ के घर पहुंच उनसे मिल उनका हाल जाना और उनसे कहा की आप अब चिंता छोड़ दें एक दो रोज़ में आपका इलाज़ हो जाएगा,उधर कंचन साहू द्वारा सदर अस्पताल पहुंच हड्डी रोग विशेषज्ञ से बात करते हुए आज का दिन मुकर्रर किया गया,और तय वक्त पर मरीज़ शंभू को सदर अस्पताल लाया गया जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ नौशाद आलम एवं डॉक्टर असजद अंसारी के साथ टीम द्वारा सफ़ल ऑपरेशन किया गया,यहां पर यह भी बताना बेहद ज़रूरी है की जिस इलाज़ और ऑपरेशन की चिंता से शंभू और उनके परिजन बेहद चिंतित थे,जिस ऑपरेशन के लिए निजी एसपी अस्पतालों द्वारा लाखों खर्च बताया गया था वही ऑपरेशन सदर अस्पताल में निःशुल्क हुआ।

लेकिन क्या अस्पताल में जड़वत यह समस्या भी दूर हो पाएगी : – शंभू गौड़ की जटिल परेशानी तो दूर हो गई,जिसे हम सदर अस्पताल की बड़ी उपलब्धि कह रहे हैं लेकिन हम ही यह भी कहना चाहेंगे कि प्रसव कक्ष में ड्यूटी में रहने वाली महिला चिकित्सक की लापरवाही और वहां सालों से जमीं नर्सों द्वारा मनमानी करने के साथ साथ प्रसूता के परिजनों से पैसा मांगना नियति बनी हुई है,जिस कारण आए दिन प्रसूता कक्ष से घटना घटित होने की खबरें आती रहती हैं,उधर मामला सामने आने के बाद जांच और कार्रवाई की बात दुहरायी तो जाती है लेकिन बात आई गई वाली हो जाती है,ऐसे में तो यही सवाल जेहन में कौंध रहा है की अगर इस जड़वत मनमानी और लापरवाही के साथ साथ जान से खिलवाड़ करने वाली समस्या दूर नहीं की जाएगी तब तक इस ऑपरेशन जैसी बड़ी उपलब्धि भी छोटी नज़र आयेगी।