बचपन में अफ़सोस होता था…आज बहुत खुश हूं : मंत्री

बचपन में अफ़सोस होता था…आज बहुत खुश हूं : मंत्री

मंत्री मिथिलेश ने किया गढ़वा में मेला महोत्सव का उद्घाटन


आशुतोष रंजन
गढ़वा

एक वक्त था जब सावन आने पर गढ़वा के लोग पलामू जाने का आस जोहते थे क्योंकि गढ़वा में मेला देखना,झूला पर झूलना,सर्कस देखना रात का ख़्वाब नहीं बल्कि दिवास्वप्न होता था,पर समय बदला और अपना गढ़वा भी मेला से गुलज़ार होने लगा,उक्त बातों से अपने संबोधन की शुरुआत करने वाले गढ़वा विधायक सह मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा की अपने उस गढ़वा में मेला और उस मेला में झूला को देख कर मैं ख़ुद कितना खुश और आह्लादित होता हूं इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है क्योंकि आप सभी जानते हैं की मेरा बचपन इसी गढ़वा में गुजरा है जहां और बच्चों के साथ साथ मुझे भी अफ़सोस होता था की अपने यहां झूला वाला मेला नहीं आता है,लेकिन आज टाउन हॉल के मैदान में गढ़वा महोत्सव मेला को देख बहुत खुश हूं,दरअसल मंत्री द्वारा मेला का विधिवत उद्घाटन किया गया,उद्घाटन के पश्चात मंत्री द्वारा मेला में लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण भी किया गया,उद्घाटन,संबोधन के साथ साथ निरीक्षण के वक्त भी मंत्री के चेहरे पर बेहद खुशी देखी गई,उनके द्वारा कहा गया की यह झूलन मेला जहां एक ओर बच्चों के साथ साथ सभी के लिए दिली आकर्षण का केंद्र है तो वहीं दूसरी ओर वो लघु उद्योग वाले जिन्हें माकूल बाज़ार नहीं मिल पाता उनके लिए यह मेला एक बेहतर अवसर प्रदान करता है,साथ ही झारखंड सरकार भी लघु व्यवसायों हित के बारे में भी अनवरत सोचने के साथ साथ उनके लिए मौक़ा भी प्रदान कर रही है,उधर दूसरी ओर कहा की मेरी दिली चाहत यही होगी की ऐसा मेला केवल सावन में ही नहीं बल्कि हमेशा लगे,जिससे एक ओर जहां लोगों को घूमने,बच्चों को झूला का आनंद लेने के साथ साथ किफायती मूल्य में अच्छे अच्छे उत्पादें मिल सकें साथ ही लघु व्यवासाइयों को भी बढ़िया फ़ायदा हो और उनका रोज़गार आगे बढ़े…!

Tags