झाड़-फूंक की चक्कर में चली गई जान
दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज़, गढ़वा
गढ़वा जिला के बिशुनपुरा थाना क्षेत्र के लेवाटांड गांव से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। जहां अंधविश्वास की वजह से एक नवविवाहिता की असमय जान चली गई। मृतका की पहचान प्रतिमा देवी (उम्र लगभग 19 वर्ष) के रूप में की गई। जो बिशुनपुरा के विष्णु पाल की पत्नी थीं। प्रतिमा की मौत करैत साँप के काटने से हो गई। लेकिन समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण उसकी जान नहीं बच सकी। परिजनों के अनुसार यह घटना शनिवार की भोर करीब 4 बजे की है। जब प्रतिमा देवी अपने बेड पर सो रही थी। इसी दौरान करैत प्रजाति के विषैले साँप ने उसे काट लिया। साँप काटने की जानकारी मिलते ही परिजन घबरा गए। लेकिन किसी डॉक्टर या अस्पताल ले जाने के बजाय उन्होंने पहले झाड़-फूंक का सहारा लिया। अंधविश्वास में डूबे परिजन उसे यूपी के रामगढ़ स्थित एक झाड़-फूंक करने वाले ओझा के पास लेकर चले गए। रामगढ़ पहुंचने पर पता चला कि झाड़-फूंक करने वाला ओझा मौजूद नहीं है। काफी इंतजार के बाद भी ओझा से मुलाकात नहीं हो सकी। तब परिजनों ने उसे वापस विशुनपुरा ले जाने का निर्णय लिया। रास्ते में प्रतिमा की हालत बिगड़ने लगी। जिसके बाद परिजन उसे भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर सूर्यकांत कुमार ने जाँच के बाद प्रतिमा देवी को मृत घोषित कर दिया।
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त अंधविश्वास और अशिक्षा के दुष्परिणाम को उजागर कर दिया है। अगर समय पर प्रतिमा को सही इलाज व एंटी-वेनम सीरम का इंजेक्शन मिल जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। डॉक्टरों का कहना है कि साँप के काटने के तुरंत बाद सही इलाज शुरू किया जाए तो पीड़ित को बचाना संभव होता है। लेकिन अफसोस की बात है कि आज भी कई ग्रामीण इलाके झाड़-फूंक और टोने-टोटके पर ज़्यादा भरोसा करते हैं और समय पर आधुनिक चिकित्सा नहीं कराते। घटना की सूचना मिलते हीं भवनाथपुर थाना के एस आई परवेज आलम ने पोस्टमार्टम के लिए शव को गढ़वा भेजा। लेकिन परिजनों द्वारा मृत महिला की संतुष्टि के लिए दुबारा झाड़ फूंक के लिए फरियाद करते हुए अंतिम में पोस्टमार्टम के की बात कही। बता दें कि प्रतिमा देवी भवनाथपुर थाना क्षेत्र के मकरी गांव निवासी सुरेश पाल की लड़की थी। जिसकी शादी मात्र 23 दिन पूर्व बिशुनपुरा थाना क्षेत्र के लेवाटांड गांव के विष्णु पाल से हुई थी।