विकास के नाम पर जीरो रहे मोदी के नाम पर जितने वाले भाजपा विधायक

विकास के नाम पर जीरो रहे मोदी के नाम पर जितने वाले भाजपा विधायक

जिस सीट पर भाजपा विधायक,वहां परिवर्तन करेगी जनता : धीरज


आशुतोष रंजन
गढ़वा

छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत करते हुए मुखर रूप से बेबाक बोलने वाले धीरज दुबे की योग्यता और कार्यदक्षता को नज़र करते हुए जेएमएम द्वारा उन्हें केंद्रीय प्रवक्ता बनाया गया,कल को जिला मुख्यालय में छात्रों को गोलबंद कर आंदोलन की धार को तेज़ करने वाले धीरज दुबे जब किसी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल के पैनल में बैठते हैं तो सामने वाला उनके सवाल का ज़वाब देने की जगह बंगले झांकने लगता है,कहने का मतलब की राजनीति में अवसर सबको मिलता है लेकिन बहुत लोग 99 को सौ बनाने के चक्कर में जहां एक ओर ख़ुद को उलझाए रखते हैं तो वहीं दूसरी ओर अगर कुछ प्रतिभा उनमें है भी तो वो कुंद पड़ जाता है,लेकिन धीरज बिल्कुल अपवाद हैं,उनके द्वारा ख़ुद के प्रतिभा को अनवरत परवाज़ दिया गया तभी तो आज उनके वो सहपाठी जो विभिन्न राजनीतिक दलों में हैं लेकिन वो पायदान नहीं पा सके,उधर जिला मुख्यालय से ले कर राज्य मुख्यालय तक बड़े राजनीतिक बयानों के ज़रिए सुर्खियों में रहने वाले धीरज दुबे द्वारा ताज़ा बयान क्या दिया गया है आइए आपको बताते हैं

जीरो साबित हुए मोदी के नाम पर जितने वाले भाजपा विधायक : – धीरज दुबे द्वारा दिए गए ताज़ा बयान की बात करें तो उनका कहना है की झारखंड के जिस विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक काबिज हैं वहां जनता परिवर्तन करने का मिजाज बना चुकी है,धार्मिक धुर्वीकरण और हिंदू मुसलमान के आधार पर लोगों को बरगला कर चुनाव जीतने वाले ज्यादातर भाजपा विधायक अपने क्षेत्र में निष्क्रिय रहे हैं,मोदी और पार्टी के नाम पर चुनाव जीतकर तो विधानसभा पहुंच गए परंतु पूरे कार्यकाल में जनता के सुख-दुख से कोई लेना देना नहीं रहा,क्षेत्र की समस्याओं का निदान तो दूर ज्यादातर भाजपा विधायकों ने विधायक कोटे की राशि का भी दुरुपयोग कर सिर्फ निजी हित साधने का काम किया है,उन्हें इस बात का भ्रम हो गया है कि जनता पार्टी और उनके बड़े नेताओं के नाम पर उन्हें वोट दे देगी,लेकिन उन्हें अहसास नहीं है की वो पूरी तरह जीरो साबित हो रहे हैं

टिकट कटने का डर सताता रहा : – झारखंड विधानसभा में पारित 1932 का खतियान,पिछड़ी जाति के लिए 27% आरक्षण एवं आदिवासियों के लिए पारित सरना धर्म कोड पर किसी भाजपा विधायक या सांसदों ने केंद्र सरकार को आगाह करने का काम नहीं किया,यहां तक की झारखंड के 8 लाख लाभुकों का बकाया प्रधानमंत्री आवास का पैसा,रॉयल्टी का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए मांगने की हिम्मत भी किसी ने नहीं दिखाई,साथ ही चुनाव में टिकट कटने के डर से भाजपा के विधायक और सांसदों ने झारखंड की जनता के अहित पर भी चुप्पी साधे रहे।

इस कारण दर्द हो रहा है भाजपा नेताओं के पेट में : – मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ कर दिया,200 यूनिट तक बिजली बिल एवं बकाया बिल भी माफ कर दिया,यूनिवर्सल पेंशन योजना,किशोरी समृद्धि योजना एवं मईयां सम्मान योजना के माध्यम से राज्य सरकार महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही है तो भाजपा नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है,और ऐसे कल्याणकारी योजना को बंद करने के लिए उच्च न्यायालय में पीआईएल दाखिल करवा दे रहे हैं, भाजपा के विधायक जनहित में खुद तो कुछ नहीं करते बल्कि राज्य सरकार द्वारा की जा रही कल्याणकारी कामों को भी रोकने का भरपूर प्रयास करवाते रहते हैं,जिसे राज्य की जनता बखूबी देख रही है,इसमें कोई शक नहीं है कि आगामी विधानसभा चुनाव में आम जनता भाजपा विजेता सीटों पर परिवर्तन कर जनहित के काम करने वाली जनप्रतिनिधि को चुनेगी।

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