न्यायिक जागरूकता के जमीनी कार्यकर्ता हैं पीएलवी सदस्य : एसडीएम
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दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
गढ़वा : सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार के नियमित साप्ताहिक संवाद कार्यक्रम “काफी विद एसडीएम” में इस बुधवार को क्षेत्र के पैरा लीगल वॉलिंटियर सदस्यों के साथ संवाद हुआ। इस संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य न्यायिक व्यवस्था से जुड़े जमीनी कार्यकर्ताओं की भूमिका को सशक्त बनाना तथा उनके समक्ष आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों पर चर्चा करना था।
बैठक के दौरान एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि पैरालीगल वॉलंटियर्स न्यायिक एवं विधिक कार्यों में एक जिम्मेदार और प्रभावी भूमिका निभा ही रहे हैं। इसके अलावा ये कार्यकर्ता विधि व्यवस्था को जनहित के अनुरूप मजबूत करने के साथ-साथ शासन की कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में भी सेतु का कार्य कर रहे हैं। संजय कुमार ने आगे कहा कि पैरालीगल वॉलंटियर्स न्यायिक चेतना के जमीनी प्रहरी हैं। समाज में न्याय के प्रति विश्वास, विधिक जागरूकता और सशक्तिकरण की भावना को बढ़ाने में इनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं, अनुभवों तथा सुझावों को साझा किया। एसडीएम ने सभी मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुना और सम्बंधित विभागों को आवश्यक निर्देश देने की बात कही।
अधिकारियों के साथ समन्वयात्मक समस्या: गढ़वा प्रखंड कार्यालय में कार्यरत पीएलवी मुरली श्याम तिवारी ने कहा कि वे लोग समाज के अंतिम व्यक्ति तक कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं, किंतु अधिकारी उनकी बात को बहुत गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से विशेष रूप से असंतोष व्यक्त किया। मुरली श्याम तिवारी के अलावा भी कई पीएलवी सदस्यों ने अनुरोध किया कि प्रखंड स्तर पर पीएलवी कार्यकर्ताओं के साथ अन्य पदाधिकारियों की बैठक होनी चाहिए। ताकि बेहतर समन्वय हो सके।
गोपाल चौबे ने दर्द बयां करते हुए कहा कि वह जहां भी पीएलवी की हैसियत से जाते हैं, वहां पर उन्हें टारगेट के रूप में लिया जाता है। किंतु होना यह चाहिए कि अगर पीएलवी किसी जन समस्या को लेकर आ रहा है तो उसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
वृद्धाश्रम और बालिका गृह जरूरी: कृष्णानंद दुबे एवं कई अन्य सदस्यों ने सुझाव दिया कि गढ़वा में वृद्ध-आश्रम और बालिका गृह नहीं है। जिसके कारण कई बार बुजुर्गों और बच्चियों के पुनर्वास में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
योजनाओं के क्रियान्वयन में आधार की समस्या: कुछ पीएलवी जैसे यशवंत मिश्रा, राजेश कुमार चौधरी, अरविंद कुमार तिवारी, संगीता सिन्हा आदि ने बताया कि चाहे अनाथ बच्चों की फोस्टर केयर स्कीम हो या सावित्रीबाई फुले योजना हो या कोई अन्य कल्याणकारी योजना हो, उसमें बच्चों का आधार पंजीकरण कहीं ना कहीं समस्या बन जा रही है। यहां तक कि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आधार की जरूरत पड़ती है और बच्चों के मामले में विशेष कर अनाथ बच्चों की स्थिति में आधार की समस्या के चलते योजनाओं से जोड़ना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में विशेष आधार पंजीकरण शिविर लगाए जाने चाहिए।
स्थानीय स्तर पर दिव्यांगता शिविरों की मांग: अरविंद कुमार तिवारी, मानमती देवी, परशुराम, जमुना प्रसाद यादव आदि ने बताया कि दूर दराज से आने वाले दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए कम से कम अनुमंडल स्तर पर दिव्यांग जांच/ परीक्षण शिविर लगाए जाने चाहिए। कई बार सुदूरवर्ती क्षेत्रों से बमुश्किल जिला मुख्यालय पहुंचने के बाद उन्हें मालूम चलता है कि आज डॉक्टर नहीं बैठे हैं ऐसे में वे निराश होकर लौट जाते हैं।
मुसहर परिवारों के लिए लगाए जाएं कैंप: अनीता देवी एवं कुछ अन्य पीएलवी सदस्यों ने एसडीएम से अनुरोध किया कि कम से कम गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र में मुसहर समुदाय की बस्तियों में राशन कार्ड, आधार कार्ड, पेंशन आदि को लेकर कैंप लगाए जाना चाहिए। क्योंकि वे लोग कभी कार्यालय नहीं आते हैं।
बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर जताई चिंता: उदय कुशवाहा, रवींद्रनाथ यादव, सुधीर चौबे, अजीत कुमार सिंह, विकास कुमार गौतम, प्रदीप कुमार आदि ने गढ़वा फोर लेन में आये दिन हो रहे सड़क हादसों पर चिंता जताई। उन्होंने आवश्यक उपाय अपनाने हेतु अनुरोध किया। साथ ही कल्याणपुर, नेनुआ मोड आदि पर जो कट है वहां पर रोड साइनेज आदि व्यवस्था करने का अनुरोध किया।
कार्यालयों में रिसीविंग/पावती का मुद्दा उठा: कुछ पीएलवी सदस्यों ने बताया कि सरकारी कार्यालयों में कई बार नागरिक आवेदन जमा करते हैं तो बदले में उन्हें पावती या रिसीविंग रसीद नहीं मिलती है। ऐसे में पावती देने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किया जाना चाहिए। बताया कि पुलिस थानों में उक्त शिकायत धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन अभी भी बरकरार है।
राइट टू सर्विस पर सभी पीएलवी को मिले प्रशिक्षण: संवाद के दौरान संजय कुमार ने सभी पीएलवी सदस्यों को झारखंड राइट टू सर्विस एक्ट 2011 के प्रावधानों एवं नियमों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही अनुरोध किया कि वे जमीनी स्तर पर भी इस एक्ट के बारे में ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें। उस पर सभी सदस्यों ने एसडीएम से अनुरोध किया कि उनके लिए इस एक्ट को लेकर जिला स्तर का एक प्रशिक्षण आयोजित किया जाए। सभी पीएलवी सदस्यों ने एसडीएम का आभार व्यक्त किया कि यह पहली बार है जब किसी प्रशासनिक पदाधिकारी ने उनके साथ ऐसा संवाद किया। बैठक में लगभग 40 से अधिक पीएलवी सदस्य मौजूद थे।








