झारखंड सरकार से उनका कार्य पूरा करने की की अपील
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दिवंगत आशुतोष रंजन
प्रियरंजन सिन्हा
बिंदास न्यूज, गढ़वा
गढ़वा : पलामू सांसद पलामू विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में तारांकित प्रश्न संख्या 71 के माध्यम से डालटनगंज (चियांकी) एयरपोर्ट को उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत विकसित करने एवं विमानों का परिचालन प्रारंभ करने की वर्तमान स्थिति पर अति महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे। श्री राम के उक्त प्रश्नों का जवाब मंत्री किंजारपु राममोहन नायडु, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार ने लिखित रूप से दिया है। मंत्री ने कहा है कि डालटनगंज (चियांकी) एयरपोर्ट जो झारखंड सरकार के स्वामित्व में है, को उड़ान 4.2 योजना में क्षेत्रीय उड़ान परिचालन के लिए चिन्हित किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा कई बार झारखंड सरकार से अनुरोध किया गया कि डालटनगंज (चियांकी) एयरपोर्ट का विकास कार्य हेतु आवश्यक भूमि निःशुल्क एवं विवाद/बंधन मुक्त उपलब्ध कराए जाने की स्वीकृति दें। सुरक्षा, फायर सर्विस, मौसम विभाग सेवाएँ एवं एयरपोर्ट के संचालन एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी पर अपना स्पष्ट मत दें। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि बार-बार पत्राचार एवं अनुस्मारक भेजे जाने के बावजूद, अब तक झारखंड सरकार की ओर से किसी प्रकार का उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि भूमि उपलब्धता, सुरक्षा/फायर सेवाएँ तथा राज्य सरकार की सहमति प्राप्त हुए बिना निर्माण, अवसंरचना विकास या किसी भी प्रकार की विमानों के परिचालन के लिए निविदा प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की जा सकती है। सांसद ने कहा कि पलामू प्रमंडल के विकास एवं आस-पास के क्षेत्रों में क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने, औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने, पर्यटन को बढ़ावा देने एवं लोगों की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए डालटनगंज (चियांकी) एयरपोर्ट से विमानों का परिचालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। मालुम हो कि एयरपोर्ट की चहारदिवारी का निर्माण कार्य चल रहा है और उम्मीद है कि 15 दिसम्बर 2025 तक समाप्त हो जाएगा। जमीन संबंधी विवाद को भी सुलझा लिया गया है। सांसद ने पुनः झारखंड सरकार से अनुरोध किया है कि आवश्यक औपचारिकताएँ शीघ्र पूर्ण करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार के पत्रों का अविलंब जवाब भेज दें। ताकि डालटनगंज (चियांकी) एयरपोर्ट से विमानों का परिचालन प्रारम्भ हो सके एवं पलामू प्रमंडल की जनता को को उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना का लाभ मिल सके।








