क्षेत्र के लिए नहीं किया किसी ने ईमानदार प्रयास: बिकास दुबे


आशुतोष रंजन
गढ़वा

अब तलक हम आप प्रशासनिक अधिकारी या पद पर आसीन जनप्रतिनिधि द्वारा ही आयोजित किए जाने वाले जनता दरबार को देखे हैं,लेकिन आज आपको हम तस्वीर के ज़रिए दिखाएंगें और बताएंगे की कैसे एक समाजसेवी द्वारा जनता दरबार का आयोजन कर उनकी समस्याओं से जहां एक ओर अवगत हुआ जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर उसके समाधान के बावत प्रयास भी किया जा रहा है,हम बात यहां युवा समाजसेवी सह विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रत्याशी बिकास दुबे की कर रहे हैं,जिनके द्वारा प्रतिरोज़ अपने आवास पर जनता दरबार का आयोजन किया जा रहा है,जहां क्षेत्र के लोग पहुंच कर उन्हें समस्या से वाक़िफ करा रहे हैं,उधर उनकी समस्या जानने के बाद बिकास दुबे द्वारा उसके समाधान के निमित प्रयास किया जा रहा है।

काश हमारे बीच बहुत पहले से होते ऐसे समाजसेवी: – ग्रामीणों के अनुसार आज तलक वो किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी के जनता दरबार में जाते हैं जहां कभी उनकी समस्याओं का समाधान होता है तो वहीं कई समस्याएं ऐसी भी हैं जो अब तलक अधूरी ही हैं,लेकिन यह पहला मौक़ा है जब एक युवा समाजसेवी द्वारा केवल हमारी समस्याओं से अवगत ही नहीं हो जा रहा है,बल्कि कई का त्वरित समाधान किया जा रहा है तो कई जटिल परेशानी के निदान के लिए प्रयास शुरू किया जा रहा है,लोगों का कहना है की काश ऐसे समाजसेवी बहुत पहले से हमारे बीच होते तो आज समाज समस्याओं से आजिज नहीं होता।

क्षेत्र के लिए नहीं किया किसी ने ईमानदार प्रयास: – उधर बिकास दुबे का कहना है की आज मैं एक बार फिर से दुहरा रहा हूं की जब भी लोग मेरे पास आते हैं या मैं क्षेत्र में जाने के दरम्यान लोगों से मिलता हूं और गांव की बदहाली देखता हूं तो बहुत आहत होता हूं,दिली कसक के साथ ख़ुद से ही पूछता हूं की आख़िर आज़ादी के इतने सालों बाद और बिहार के साथ साथ अपना राज्य अलग होने के बाद भी अपना क्षेत्र इतना बदहाल क्यों है,क्यों यहां के जनप्रतिनिधियों ने कभी प्रयास नहीं किया,तो यही ज़वाब ढूंढ पाता हूं की नेक नियति के साथ ईमानदार प्रयास नहीं किए जाने के कारण ही आज भी विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र विकास से कोसों दूर है,जब लोग अपनी व्यथा बताते हुए भावुक हो जाते हैं तो अपना दिल भी भर आता है,प्रतिरोज़ लोग अपनी समस्या ले कर आते हैं,उनकी परेशानी से अवगत होने के बाद किसी पद पर ना होते हुए जहां तक अपना सामर्थ्य है उसके अनुसार उनकी परेशानी दूर करता हूं,और इसी बीच कोई जटिल समस्या सामने आती है तो उसे बहुत जल्द दूर कराने का ईमानदार वादा करता हूं,साथ ही सभी से इतना ज़रूर कहता हूं की आज किसी पद पर ना होते हुए भी आपके समस्याओं का समाधान कर रहा हूं,अगर आपके आशीर्वाद से कल को हाथ में अधिकार आया तो फ़िर यह क्षेत्र जो आज भी दुर्दिन से बाहर निकलने को आस जोह रहा है,वो पूर्ण रूपेण विकसित हो कर एक नए स्वरूप में नज़र आएगा।