सतबहिनी झरना तीर्थ में चल रहे मानस महायज्ञ में उमड़ रहे श्रद्धालु

सतबहिनी झरना तीर्थ में चल रहे मानस महायज्ञ में उमड़ रहे श्रद्धालु

पूजा, परिक्रमा, प्रवचन व मेला में हो रही सर्वाधिक भीड़

दिवंगत आशुतोष रंजन

गढ़वा : जिला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में मानस महायज्ञ की रजत जयंती समारोह के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। अहले सुबह से लोग यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने लगते हैं। जबकि सतबहिनी भगवती माता महादुर्गा, महालक्ष्मी, महाकाली, भैया भैरवनाथ, साक्षी गणेश, भगवान भास्कर, बजरंगबली, भगवान शिव, नंदी महाराज के मंदिरों एवं सतबहिनी झरना तीर्थ में ब्रह्मलीन बाबा श्याम दास की रहस्यमई सात मंजिली साधना सह समाधि गुफा में दर्शन पूजन करने वालों का सुबह से शाम तक तांता लग रहा है। तीसरे दिन के प्रवचन सत्र शुरू होने से पहले पतिला निवासी मुखिया पांडेय सपत्नीक व दो अन्य ने व्यास पीठ की पूजा की। वहीं तीसरे दिन के प्रवचन सत्र में चित्रकूट से पधारीं मानस की उद्भट्ट विद्वान श्रीमती राजकुमारी देवी ने भगवान श्री राम के जन्म का बड़ा ही हृदय स्पर्शी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान के जन्म लेने के पूर्व जब प्रतिपदा तिथि से लेकर अष्टमी तिथि तक ने अपने-अपने तिथि का वर्णन करते हुए अपने तिथि में जन्म लेने का भगवान से आग्रह किया। जब भगवान  प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी व अष्टमी की बातों पर कुछ नहीं बोले। लेकिन नवमी  को लेकर तिथि कुछ नहीं बोली। तब भगवान बोले आप नवमी तिथि  क्यों नहीं बोलीं। तब नवमी तिथि बोली भगवान आप अंतर्यामी हैं। बिना मांगे हुए जब भगवान अंतरात्मा की आवाज सुनकर दे देते हैं तो मैं क्यों मांगूं। आप हमारे अंदर जन्म लेने का आशीर्वाद दें। तब भगवान ने कहा कि हम जरूर नवमी तिथि में जन्म लेंगे। वैसे जगह जन्म लेंगे जहां पर किसी की मांग ना हो।

श्रीराम कथा प्रस्तुत करतीं राजकुमारी देवी।
पंडाल में मौजूद श्रद्धालु श्रोता।

भगवान ने नवमी तिथि के यहां जन्म लिया। इस मौके पर बक्सर के आचार्य रोहित तिवारी, अयोध्या से पधारे आचार्य अवधेंद्र प्रपन्नाचार्य व विद्या कुंड श्री राम धाम के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री महंत प्रेम शंकर दास जी महाराज ने भी ओजस्वी वाणी में श्री राम कथा कही। वहीं यज्ञ मंडप के निकट बनी हुई कुटिया में श्रीधाम वृंदावन से पधारे पंडित विनोद गौरव शास्त्री एवं उनकी टीम के द्वारा संगीतमय शैली में श्री रामचरितमानस का पारायण पाठ किया जा रहा है। सुमधुर शैली में प्रस्तुत पाठ को भी सुनने देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है। उधर मेले में सैकड़ो दुकानें सजी हैं जहां हजारों की संख्या में लोगों को खरीदारी करते देखा जा रहा है। सिंगार, मिठाई, नमकीन, चाट, पकौड़ी, जिलेबी आदि की दुकानों पर सर्वाधिक भीड़ देखी जा रही है। मां सतवानी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के तत्वावधान में आम जनों के द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष 25 वें मानस महायज्ञ  का आयोजन किया गया है। इस वर्ष महायज्ञ की रजत जयंती है। जिसका बहुत ही भव्य रूप से आयोजन किया जाना था। लेकिन इस वर्ष गहरे शोक की छाया में महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। समिति के पूर्व संयोजक एवं वर्तमान में सदस्य तथा स्थाई संचालक प्रियरंजन सिन्हा के एकलौते पुत्र युवा पत्रकार आशुतोष रंजन के निधन से पूरे जिले के लोग मर्माहत हैं। ऐसी स्थिति में महायज्ञ के लिए बाजा गाजा, रथ एवं विराट कलश यात्रा का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। इसीलिए महायज्ञ में मायूसी देखी जा रही है।

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Ashutosh Ranjan

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