शिक्षक ही शिक्षा का कर रहे बंटाढार

शिक्षक ही शिक्षा का कर रहे बंटाढार

गत वर्ष एचएम के पैसे को ही रिश्वत का बताकर एचएम को ही करा दिया अरेस्ट

अभी बच्चों के फर्जी हस्ताक्षर से 4 शिक्षकों पर ही लगाए आरोप



दिवंगत आशुतोष रंजन

आकाश लोहार
गढ़वा

गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीयकृत जमा दो उच्च विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा ही शिक्षा का बंटाढार किया जा रहा है। पिछले साल कुछ शिक्षकों के द्वारा तत्कालीन एचएम विद्यानी बाखला के पैसे को ही रिश्वत का पैसा बता कर एसीबी से गिरफ्तार करा कर जेल भेज दिया गया था। एक दलित एवं सीधी सादी महिला को एक काल्पनिक मामले में फंसा कर जेल भेजने से आक्रोशित जनता ने तथाकथित दोषी शिक्षकों को यहां से तत्काल हटाए जाने को लेकर आंदोलन तेज कर दिया था। नतीजतन डीईओ की जांच के बाद पांच शिक्षकों में से दो का स्थानांतरण एवं तीन का प्रतिनियोजन करके यहां से हटा दिया गया। इन दिनों एक फर्जी आवेदन बनाकर डीईओ को दिया गया है। जिसमें 4 कार्यरत शिक्षकों के पढ़ाने की बजाय क्लास रूम में सोने, बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने एवं प्रति छात्र तीन से ₹400 तक अधिक शुल्क वसूलने की शिकायत पर जांच एवं कार्रवाई की मांग की गई है। आवेदन के आलोक में डीईओ ने 4 शिक्षकों से 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की थी। संबंधित शिक्षकों ने अपना जवाब भेज दिया। इधर इस मामले ने एक बिल्कुल नया मोड़ ले लिया। जिन छात्र छात्राओं के नाम पर डीईओ को आवेदन दिया गया था। उन सभी छात्र छात्राओं ने उनके द्वारा आवेदन दिए जाने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में कुछ भी नहीं जानते। इसमें कांडी पंचायत के मुखिया विजय राम की दो पुत्री रूपा एवं रागिनी को भी शिकायत कर्ता दिखाया गया है। इस मामले को लेकर मुखिया ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए डीसी व डीईओ को एक पत्र देकर इस घृणित मामले की जांच एवं दोषी को सख्त सजा देने की मांग की है। दोनों बच्चियों ने रोते हुए अपने को इससे बिल्कुल अनभिज्ञ बताया। जबकि अन्य छात्रों ने भी इस आवेदन से अपने को अनजान बताते हुए इसे फर्जी बताया है। एक अन्य अभिभावक जितेंद्र सिंह ने भी आवेदन देकर छात्रों के नाम पर गलत खेल किए जाने की जांच एवं कार्रवाई की मांग की है। गौरतलब है कि आवेदन को सरसरी निगाह से देखने पर एक ही व्यक्ति के द्वारा एक ही कलम से सभी बच्चों का हस्ताक्षर किया हुआ प्रतीत होता है। पहला नाम आवेदन में राहोल कुमार लिखा गया है। वहीं शिक्षकों ने कहा कि संबंधित कक्षा में राहुल कुमार नाम का कोई छात्र पढ़ता ही नहीं है। शमा परवीन तालाबे श से नहीं लिखकर दंत स से सम्मा एवं परवीन की जगह प्रवीन लिखा गया है। इसी तरह दिलशाद की जगह दिलाशाद लिखा है। अन्य नामों को भी गलत लिखा गया है। जबकि हाई स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं लाख बोगस हों लेकिन अपना नाम गलत नहीं लिख सकते। इससे साफ जाहिर होता है कि यह आवेदन फर्जी है। इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक निरंजन शाह ने कहा कि विद्यालय अवधि में जब पढ़ाई चल रही हो तो कोई शिक्षक नहीं सो सकता। इस विद्यालय के कई शिक्षक प्रतिदिन गढ़वा एवं मझिआंव से आया करते हैं। गर्मी के दिन में 1:00 बजे छुट्टी होने के बाद वह दो-तीन घंटे रुक कर शाम होने पर जाते हैं। इस बीच वे कुर्सी पर ही आराम करते हुए कभी-कभार सो जाते हैं। उसी का काफी पुराना फोटो लेकर प्रमाण स्वरूप आवेदन में लगाया गया है। इस तरह से संभवत: उन्हीं लोगों के द्वारा फिर से विद्यालय को बदनाम करने की झूठी साजिश रची गई है।

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Ashutosh Ranjan

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