इतना बेखौफ कैसे हो गए हैं अपराधी.?


आशुतोष रंजन
गढ़वा

बिल्कुल सच है की जीवन और मरण उसके हाथ में है,हमारा आपका दुश्मन लाख मिटाने की योजना बनाए वो उसे अंजाम भी दे लेकिन जब तक ऊपरवाला नहीं चाहेगा मौत तो दूर एक बाल भी बांका नहीं होगा,तभी तो उसे निशाना बनाते हुए उस पर गोली चलाई गई,लेकिन उसे तो बचना था सो उसे गोली नहीं लगी और वो बच गया,कौन है वो जिसकी जान लेने की नियत से उस पर गोली चलाई गई,आइए आपको बताते हैं।

कौन मारना चाहता था उसे: गोलीचालन की घटना के बाद यह सवाल उसके साथ साथ सबके जेहन में कौंध रहा है की आखिर कौन मारना चाहता था उसे,किसने चलाई गोली,लेकिन यह मालूमात करना पुलिस का काम है,हां आपको तो बताना है न की वो कौन है जिस पर गोली चलाई गई,आप तो इस जानकारी से वाक़िफ हैं की जिला मुख्यालय से कुछ गाड़ियां भोर में अख़बार ले कर प्रखंडों में जाती हैं प्रतिरोज़ की तरह आज भी गाड़ियां अपने निर्धारित समय पर निकली थीं,उसी में से एक गाड़ी भवनाथपुर जा रही थी,जिसे तबरेज नमक चालक चला रहा था,वो गाड़ी ले कर जब लगमा पहुंचता है तो पल्सर मोटरसाइकल पर सवार युवकों द्वारा उसे ही निशाना बनाते हुए गोली चलाई जाती है,चलती गाड़ी में गोली चलाई गई सो गोली चालक पास के दरवाज़े में जा लगी और तबरेज बाल बाल बच गया,आप तस्वीर में देख भी रहे होंगें की तबरेज हाथ के इशारे से बता रहा है की गोली कहां लगी,वो उसी रफ्तार में गाड़ी चलाते हुए भवनाथपुर पहुंचा और वहां पत्रकारों से सारी घटना बताई,उसने बताया की उसके द्वारा किए गए कोई नेक काम होंगें जिस कारण आज वो बच गया।