सरकार की योजनाओं को धरातल पर मूर्तरूप देने की और तेज़ होगी धार


आशुतोष रंजन
गढ़वा

इस जानकारी से तो आप बखूबी वाकिफ हैं की झारखंड के गढ़वा में एक भव्य,आधुनिक एवं सभी सुविधाओं से युक्त समाहरणालय भवन बना है जिसका उद्घाटन पिछले दिनों मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन द्वारा किया भी जा चुका है,हर कोई आह्लादित भी हुआ,लेकिन सबके जेहन में एक ही सवाल कौंध रहा था था भवन बन कर तैयार हो जाने और उद्घाटन के बाद भी आख़िर यहां काम क्यों नहीं शुरू हुआ यानी अधिकारी कब तलक यहां से काम शुरू करेंगे,आपके माकूल सवाल का उचित जवाब मिल गया,कैसे आइए आपको बताते और सचित्र दिखाते भी हैं !

गढ़वा के कल्याण की रूपरेखा तय करेगा जिला प्रशासन : – कल से कल्याणपुर स्थित नए समाहरणालय में बैठ,गढ़वा के कल्याण की रूपरेखा तय करेगा जिला प्रशासन,जी हां मैं ठीक कह रहा हूं कल से नए समाहरणालय भवन से कामकाज़ शुरू हो जाएगा,मैं केवल कह ही नहीं रहा हूं क्योंकि सचित्र दिखाने की बात भी मैने की थी,तो आप तस्वीरों के ज़रिए भी देखिए की कर्मचारियों द्वारा पुराने समाहरणालय से गाड़ियों द्वारा लाए गए कुर्सी,टेबल,आलमीरा के साथ साथ कागज़ातों के बंडलों को गाड़ी से उतारते हुए निर्धारित कमरों में रखा जा रहा है,यह प्रक्रिया अहले सुबह से जारी है क्योंकि कल से यहीं से कामकाज जो शुरू करना है,यहां यह भी बताऊं की आपके द्वारा उद्घाटन रोज़ नवनिर्मित भवन को देखा गया है,जिसकी भव्यता निश्चित रूप से आपको अपनी ओर बरबस आकर्षित की होगी,क्योंकि हर रोज़ उसके सामने स्थित बिरसा मुंडा पार्क में जब आप पहुंचते हैं तो वहां फोटो और सेल्फी लेने के साथ साथ नए समाहरणालय भवन जो कल तक बंद था उसके गेट के सामने खड़े हो कर उसकी या उसके साथ अपनी सेल्फी लेना नहीं भूलते हैं,अब जब कल से वहां से काम शुरू हो जाएगा और आपका वहां आना जाना शुरू होगा तो आप यकीन मानिए जितना आप उक्त भवन को बाहर से देख कर आकर्षित हुए हैं उससे कहीं ज्यादा आह्लादित तब होंगे जब आप कल से उसके अंदर पहुंचेंगे |

सरकार की योजनाओं को धरातल पर मूर्तरूप देने की और तेज़ होगी धार : – ऐसी बात नहीं है की वो चाहे सिविल प्रशासन हो या पुलिस प्रशासन पुराने समाहरणालय भवन से उन्हें कार्य करने में परेशानी हो रही थी,बल्कि वहां से ही उनके द्वारा अब तलक सरकार के विकासीय कार्यों को धरातल पर कार्यरूप दिया जा रहा है,कल का अविकसित गढ़वा आज किस रूप में विकास के मामले में नए स्वरूप में उभर कर सामने आया है यह बताने की नहीं बल्कि ख़ुद से नज़र करने की ज़रूरत है,लेकिन एक बात ज़रूर है की आम जनजीवन में भी अगर आप छोटे,तंगहाल जगह में रहते हैं तो कुछ करने की दिली चाहत के बाद भी ख़ुद के मन मस्तिष्क में थोड़ा अजीब सा महसूस होता है,पर वहीं अगर आप नए और आधुनिक जगह में रहते हैं तो आपके मन को खुलापन के साथ साथ नई ताज़गी और स्फूर्ति मिलती है,ठीक उसी तरह कल से जब प्रशासनिक अधिकारी पुराने से निकल कर नए समाहरणालय भवन में पहुंचेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें एक नई ताज़गी का अहसास होगा,तभी हमने कहा की वो चाहे उपायुक्त शेखर जमुआर हों या आरक्षी अधीक्षक दीपक पांडेय अब तक तो उनके द्वारा अपनी कुशल कार्यदक्षता के साथ साथ अपनी सशक्त टीम के साथ सरकार की योजनाओं को मूर्तरूप देते हुए जिले को एक नया स्वरूप देने में तिव्रत्ता से जुटे ही हुए हैं लेकिन कल से एक ओर जहां कल्याणपुर स्थित नए नए समाहरणालय में बैठ वो गढ़वा के कल्याण की और वृहद रूपरेखा तय और उसका संधारण करेंगें वहीं दूसरी ओर उनकी कार्य करने की धार और तेज़ भी होगी |

अब ज़रूरत है आपके सहयोग की : – यहां पर यह कहना भी बेहद ज़रूरी है की उक्त भव्य और अत्याधुनिक भवन आपके लिए बना है,यहां से आपके विकास की रूपरेखा तय होगी,सीधे रूप में कहें तो यहां से आपका ही जुड़ाव रहेगा,वो जुड़ाव दिल से रहे क्योंकि कोई भी अधिकारी स्थाई नहीं होता है वो आज यहां हैं कल कहीं और रहेंगे,लेकिन यह भवन स्थाई रूप से आपके लिए रहेगा,कहने का मतलब है की आप जिस तरह उक्त भवन को बाहर से देख कर आकर्षित हुए हैं कल से जब अंदर पहुंचेंगे तो और आह्लादित होंगे,बस आपका खुशपन बरकरार रहे,आप इसी तरह उसे देख कर आकर्षित होते रहें इस खातिर ज़रूरी है उसे सरकारी भवन नहीं बल्कि अपना ख़ुद का समझ कर उसे बचाए रखने में सहयोग करें ताकि कल को अगर उसकी सुंदरता बदसूरती में तब्दील होगी तो जहां एक ओर आप ख़ुद उसे देख कर कुंठित होंगे तो वहीं अगर कोई बाहरी व्यक्ति वहां आएगा और जब उसकी हालात को नज़र करेगा तो हमको आपको ही जिम्मेवार ठहराएगा,ऐसी बात नहीं की प्रशासन द्वारा उसकी देखरेख और संरक्षण नहीं की जाएगी लेकिन हमारी आपकी सहभागिता भी ज़रूरी होगी |