नहीं है कोई घमासान,भला विष्णु से टक्कर लेना कहां है आसान: भाजपा


आशुतोष रंजन
गढ़वा

कम बोलना,जो ज़रूरी हो वही बात करना और विरोधियों के ज़ुबानी बयानबाज़ी का ज़वाब ज़मीनी काम से देने में पूरी तरह निपुण लगातार दो बार के सांसद एवं इस बार एक बार फिर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में पलामू संसदीय सीट से जीत की हैट्रिक लगाने को तैयार विष्णु दयाल राम जहां एक ओर क्षेत्र में बड़ी और महत्वपूर्ण विकासीय योजनाओं को मूर्तरूप देने के बाद भी लोगों से सहृदयता के साथ मिलते हुए वोट देने के लिए नहीं बल्कि पलामू के निमित देखे गए अपने ख़वाब को पूरा करने और लक्ष्य को हासिल करने को ले कर सहभागी बनने की बात कह रहे हैं ताकि पिछड़े पलामू को अग्रणी बनाने के साथ साथ एक नए स्वरूप में गढ़ सकूं तो वहीं दूसरी ओर भाजपा का पूरा कुनबा इस लिहाज़ से पूरी दिली समर्पण के साथ जुटा है ताकि पार्टी प्रत्याशी राजनीतिक पिच पर जीत की हैट्रिक लगा सकें |

मैं केवल विकास नहीं किया हूं बल्कि पलामू के लिए आयाम गढ़ा हूं : – प्रतिरोज अहले सुबह से देर रात तक लोगों से जनसंपर्क करने के क्रम में आज विष्णु दयाल राम ने Bindash न्यूज़ से ख़ास बातचीत की,आपने पलामू को ही क्यों चुना पूछे जाने पर उनके द्वारा कहा गया की देखिए हर व्यक्ति को दो जगह से बहुत दिली लगाव होता है,पहला अपने जन्मस्थली से तो दूसरा ससुराल से,बक्सर के गांव में जहां मेरा जन्म हुआ वहां से तो लगाव है ही नौकरी में आने से पहले तो वहीं रहा हीं बाद में जब भी मौक़ा मिलता सबसे पहले गांव ही जाया करता हूं,लेकिन शादी होने और पुलिस सेवा में आने के बाद सबसे ज्यादा अवसर ससुराल यानी पलामू जाने का आया,बिहार के बाद जब झारखंड में पदस्थापित हुआ तो एक अधिकारी के रूप में भी लगातार पलामू आता रहा,तो अब बताइए यहां से लगाव होना तो स्वाभाविक है,और शादी होने के बाद से ले कर नौकरी और उसके बाद राजनीति में आने तक मैने पलामू को और यहां के विषम हालात को केवल देखा ही नहीं बल्कि उसे शिद्दत से महसूस भी किया,इसीलिए जब राजनीति में आया तो किसी अन्य क्षेत्र को राजनीति के लिए चुनने के बजाए अपने ससुराल यानी पलामू को चुना,बस इसलिए की इस क्षेत्र के हालात को बदल सकूं,वो साल 2014 था जब यहां के सहृदयी लोगों ने अपनी जड़वत परेशानी से निजात दिलाने लायक मुझे समझते हुए अपना सांसद चुना,मेरे हाथ में अधिकार आया तो मैं जो ख़्वाब देखा था बदलाव का उसे पूरा करने में शिद्दत के साथ जुट गया,एक कार्यकाल गुज़रा और फिर 2019 का चुनाव आया तो बहुत कार्य सरजमीन पर कार्यान्वित हो चुके थे तो कुछ हो रहे थे तो वहीं कुछ पाइपलाइन में थे,लोगों ने ख़ुद सोचा की पहले आम चुनाव से अब तलक यानी 2014 तक हमने सांसद चुना लेकिन उन सांसदों ने हमें नहीं चुना जिसका आलम रहा की जहां क्षेत्र परेशानी से जूझता रहा वहीं हम सभी परेशान और हलकान रहे,पर पलामू का सही मायने में 2014 से विकास होना शुरू हुआ इसी को ध्यान में रखते हुए सबने एक बार फिर से मुझे अपना सांसद चुना,लोगों ने लगातार दूसरी बार जब मुझ पर विश्वास जताया तो मैं भी उस विश्वास को सहृदय सम्मान देते हुए अपनी जिम्नेवारी का बख़ूबी निर्वहन किया और इस निमित जुट गया की कैसे पलामू के ऊपर लगे पिछड़ेपन के कलंक को मिटाऊं,और शायद मुझे बताने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आप मेरे शुरुआती कार्यकाल से मेरी कार्यदक्षता को नज़र कर रहे हैं की किस तरह मैं पलामू लोकसभा क्षेत्र की बदहाली को दूर करने में जुटा हुआ हूं,अपने काम और जवाबदेही के प्रति मेरा समर्पण और आपकी सहभागिता का ही परिणाम है की एक बार फिर से पार्टी ने मुझे पलामू से अपना उम्मीदवार बनाया है,वर्तमान गुजरते रोज़ में आप यह भी देख रहे हैं की आपके पास जब मैं पहुंच रहा हूं तो केवल आपका हालचाल लेने पहुंच रहा हूं ना की वोट मांगने क्योंकि राजनीति में एक जनप्रतिनिधि के रूप में मांगा वहां जाता है जहां उसके द्वारा कुछ नहीं किया गया हो,लेकिन आप तो मेरे हर क्रियाकलाप से नावाकिफ नहीं बल्कि पूरी तरह वाकिफ हैं,ऐसे में मैं आपसे क्यों मांगू,सोचना समझना और चुनाव आपको करना है,कौन ख़ुद के लिए और कौन मेरे लिए आया है इसकी बेशक समझ आपको है क्योंकि लगातार दूसरी बार अपना सांसद चुन कर आपने उसे जता दिया है,मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा की पलामू के निमित जिस उद्देश्य और लक्ष्य को दिल में समाहित किए हुए मैं चल रहा हूं अभी ना तो उसे पा सका हूं और ना ही अभी रास्ता तय हुआ है,इसलिए कदम का हमकदम आपको बनना है जिससे मैं उस नज़री लक्ष्य को हासिल कर सकूं |