विकास की इबारत लिखना ही लक्ष्य है: मंत्री


आशुतोष रंजन
गढ़वा

मैं बेहद बीमार हूं,अस्पताल के बेड पर इलाजरत हूं,लिखने का दिली शौक़ होने के वावजूद कमज़ोरी होने के कारण लिखते वक्त आंख से धुंधला दिखाई पड़ने के कारण लिख नहीं रहा हूं,पर आज कुछ ऐसी बात हुई जिसे इस विषम हालात में ही लिखने को विवश होना पड़ा,आप पूछिएगा क्या,तो मैं बताऊं की कोई राजनेता किसी क्षेत्र का अगर जनप्रतिनिधि होता है तो एक ओर जहां उसकी महत्ती जिम्मेवारी होती है वहीं राजनीति और प्रतिद्वंदी पर ख़ुद का काम भारी साबित करने के उद्देश्य से उसके द्वारा अपने क्षेत्र में बेहतर काम किया जाता है,लेकिन वैसे प्रतिनिधियों में से कुछ ऐसे विरले भी होते हैं जिनके द्वारा कुछ ऐसे कार्य किए जाते हैं जो जहां विकासीय आयाम गढ़ते नज़र आते हैं तो वहीं वो एक अनूठे कार्य के रूप में भी लोगों के दिलों को प्रभावित करते हैं,जैसा की आज मैं आशक्त हुआ,यहां बताऊं की ख़बर का शीर्षक पढ़ आप ज़रूर सोच रहे होंगें की आख़िर वो कैसा कोढ़ था जिसे मंत्री मिटाने चले हैं,आइए आपको इस ख़ास ख़बर के ज़रिए बताता हूं।

यही था वो कोढ़:- कोढ़ केवल शरीर में ही नहीं होता एक कोढ़ सरकारी योजनाओं में लगता है,इलाज़ के बाद तो शारीरिक कोढ़ ठीक हो जाता है पर योजना रूपी कोढ़ को जड़ से ख़त्म करने के लिए बेहतर इलाज़ की जरूरत होती है,तभी तो मंत्री मिथिलेश ठाकुर द्वारा बेहतर इलाज के तहत आज जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत मेराल पश्चिमी पंचायत में पिछले 15 वर्षों से अधूरा पड़े सामुदायिक भवन रूपी कोढ़ को मिटाने के अभिनव कार्य की शुरुआत की गई,आगे कुछ बताने से पहले बताऊं की उक्त पंचायत क्षेत्र के लोगों की मांग के बाद आज से पंद्रह साल पहले सामुदायिक भवन का निर्माण शुरू हुआ था,कुछ काम हुआ भी फिर आगे चल कर वो योजना भी अन्य योजनाओं की तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते हुए अधूरे योजनाओं की फेहरिस्त में शामिल हो गया और लोगों की आस धरी की धरी रह गई,पर कहने और मांग करने की बात कौन करे बिना किसी के कहे भी ख़ुद से नज़र करते हुए और दिल से महसूस करते हुए उक्त कार्य को अमलीजामा पहनाने में महारत हासिल मंत्री द्वारा आज नारियल फोड़ कर अधूरे पड़े कार्य को पूरा करने के निमित शुरुआत की गई,यहां बताएं की इसका निर्माण कार्य मंत्री के सौजन्य से किया जाएगा।

विकास की इबारत लिखना ही लक्ष्य: मौक़े पर मौजूद सैकड़ो लोगों के खुशी से खिले चेहरे को नज़र करते हुए मंत्री ने कहा कि ऐसी योजनाएं तो मात्र एक बानगी है,क्योंकि मुझे अनगढ़ क्षेत्र को गढ़ने के साथ साथ आपके चेहरों पर बस यही खुशी देखनी है,क्योंकि अपने संघर्ष के दरम्यान जब भी मैं आपके मुरझाए चेहरों को देखता था तो भावुक हो जाता था,उसी दरम्यान संकल्प लिया करता था की आपके आशीर्वाद से अगर मेरे हाथ में अधिकार आया तो ईमानदारी के साथ जहां अविकसित क्षेत्र को पूर्ण विकसित करूंगा,साथ ही आपके चेहरे की मायूसी को दूर करते हुए लबों पर खुशियां लाऊंगा,और आज मैं आपके आशीर्वाद और सहयोग से उसमें सफल हो रहा हूं,कहा की आपके बीच होता हूं या आपसे मुलाकात होती है तो आप परेशानी से अवगत कराते ही हैं,लेकिन मैं खुद से भी आपकी परेशानी मालूम करने के साथ साथ उसके पूर्ण समाधान के प्रति भी सदैव तत्पर रहा करता हूं,ऐसे ही आयोजनों में कई बार कहा हूं,उसे ही आज एक बार फिर से दुहरा रहा हूं की जिस अनगढ़ क्षेत्र को गढ़ने का जिम्मा आप सबों ने मुझे दिया है,उस क्षेत्र को गढ़ने के साथ साथ विकास की इबारत लिखना ही मेरा लक्ष्य है,जिस लक्ष्य को पाने में मैं कोई कसर नहीं छोडूंगा।

इनकी कोशिश नाकाफी साबित हुई: उधर कार्यक्रम के दौरान ही ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इस अधूरे सामुदायिक भवन के निर्माण में पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह एवं पूर्व सांसद घूरन राम द्वारा भी राशि खर्च की गई,परंतु उनकी कोशिश असफल साबित हुई,जिसका नतीजा यह अधूरा निर्माण कार्य है।

इनकी भी रही मौजूदगी: मौके पर झामुमो जिला अध्यक्ष तनवीर आलम,सचिव मनोज ठाकुर, प्रवक्ता धीरज दुबे,विकास सिंह कुशवाहा,संजय सिंह,आशीष अग्रवाल,दिलीप गुप्ता,नवीन तिवारी एवं राजेश बैठा सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।