सहन नहीं हो रहा बिलखते बच्चों का दर्द: मुजीबुर्रहमान


आशुतोष रंजन
गढ़वा

अपनी सरकार में तो प्रशासनिक व्यवस्था अपना ही होता है,तंत्र पर नियंत्रण होता है,उसके बाद भी सरकार की पार्टी यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय स्तर के नेता की हत्या सरेशाम हो जाती है,साथ ही घटना के पांच रोज़ बाद भी अपराधी के साथ साथ षडयंत्रकारी गिरफ्त से बाहर हैं,इससे क्या समझा जाए,क्या यह नहीं मान लिया जाए की प्रशासनिक तंत्र सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गया है,तभी तो लगाम में रहने वाले अपराधी बेलगाम हो गए हैं और जहां परसुकून होना चाहिए था वहां कोलाहल के साथ साथ लोग खौफ के साए में जीवन बसर कर रहे हैं,उक्त बातें किसी भी विषय पर बेबाक राय रखने वाले पूर्व मुखिया मुजीबुर्रहमान ने एक प्रेसवार्ता के ज़रिए कही,दरअसल वो अयूब अंसारी की हत्या और गिरफ्तारी नहीं होने को ले कर आक्रोश व्यक्त कर रहे थे,उनके द्वारा और क्या कहा गया,आइए आपको बताते हैं।

आख़िर कब होगा साज़िश-ए-हत्या का खुलासा.?: मुखिया पति सह जेएमएम नेता अयूब अंसारी की हत्या क्यों हुई और किसने इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया,आज हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाह रहा है,लेकिन पिछले पांच रोज़ से यह सवाल यक्ष प्रश्न बना हुआ है,सबके साथ साथ आज उक्त सवाल मुजीबुर्रहमान द्वारा भी बाकायदे प्रेसवार्ता करते हुए पूछा गया,उनके द्वारा एक अयूब मंसूरी की हत्या और अपराधियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने को ले कर सीधे रूप में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया की प्रशासनिक तंत्र एकदम से ऐसा कैसे हो सकता है की एक सामाजिक व्यक्ति की सारेशाम हत्या हो जाती है और आज पांच दिन गुजरने के बाद भी वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी गिरफ्त से बाहर रह कर ठहाके लगा रहे हैं,उनके ठहाके की गूंज हमारे कानों तक तो स्पष्ट सुनाई दे रही है पर ना जाने प्रशासनिक तंत्र को उनके हंसने की आवाज़ क्यों नहीं सुनाई पड़ रही है,जबकि वो अपराधी ख़ुद की सफ़लता के साथ साथ पुलिसिया विफलता पर भी हंस रहे हैं,पूर्व मुखिया ने कहा की आश्वासन तो हर रोज़ सुन रहा हूं,लेकिन ना जाने कार्रवाई का परिणाम कब नज़र आएगा,साथ ही कहा की यह हत्या एक साज़िश है,अयूब मंसूरी की हत्या में छोटी नहीं बड़ी साज़िश रची गई है,पूरी तरह पटकथा तैयार करते हुए इस वारदात को फिल्माया गया है,कहा की मैं पुलिस से मांग करता हूं की केवल घटना को अंजाम देने वाले अपराधी ही नहीं बल्कि इस साज़िश-ए-हत्या की पटकथा लिखने और उस फिल्म का निर्माण करने वाले निर्देशक की भी गिरफ्तारी हो ताकि लोगों को मालूम चल सके की राजनीति में कैसे सफेदपोश अपराधी कुंडली मारे बैठे हैं।

ये भी रहे मौजूद:- उक्त प्रेसवार्ता में मौलाना संजर,हाजी मोइनुद्दीन अंसारी,अकरम अंसारी,पिंटू, जुनेद अंसारी,सफीक अंसारी,शंभू राम,चंदू ठाकुर,इफ्तेखार अंसारी,खुर्शीद अंसारी,मजहर हुसैन,वारिस रजा,इमरान अंसारी,एजाज अंसारी,मुख्तार अंसारी एवं रुस्तम अंसारी सहित कई लोग मुख्य रूप से मौजूद रहे।