सुमित्रा वस्त्रालय ने किया पूजा सामग्री का वितरण


आशुतोष रंजन
गढ़वा

हम आप अक्सर देखा करते हैं की व्यवसायी केवल व्यवसाय किया करते हैं,सुबह अपना व्यवसाय शुरू करने और देर शाम उसे दुकान बंद कर घर को लौट जाते उन्हें देखा करते हैं,लेकिन यह अपने राज्य के अन्य जिलों के व्यवसाइयों पर सटीक बैठता है पर इसी झारखंड का एक जिला है गढ़वा जहां के व्यवसायी केवल व्यवसाय ही नहीं करते बल्कि उक्त व्यवसाय से होने वाले आय का कुछ प्रतिशत समाजसेवा के निमित भी खर्च किया करते हैं,उन्हीं व्यवसाइयों में से एक व्यवसायी के बावत आज किए गए एक समाजसेवा की चर्चा से पहले आपको बताएं की जहां एक ओर यहां के व्यवसायी कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़ कर सार्वजनिक समाजसेवा करते हैं तो वहीं व्यक्तिगत रूप से भी ख़ुद का या परिवार में किसी के जन्मदिवस या किसी के पुण्यतिथि के मौक़े पर यहां के व्यवसायी कोई दिखावा आडंबर करने की जगह गरीबों को दो निवाला देने उनके बीच खाद्द सामग्री का वितरण करने का काम करते हैं,साथ ही देखा जाता है की उनके द्वारा रक्तदान भी किया जाता है,अब हम उस व्यवसायी के विषयक बताऊं जिनके द्वारा आज छठ महापर्व कर रहीं व्रतियों के बीच पूजा सामग्री का वितरण किया गया,कौन हैं वो व्यवसायी आइए आपको बताते हैं।

सुमित्रा वस्त्रालय ने किया पूजा सामग्री का वितरण: – आप गढ़वा जिला के किसी गांव में रहते हों लेकिन खरीददारी करने के ख्याल से जब आप शहर में आते होंगें तो मुख्य सड़क के किनारे ही अवस्थित सुमित्रा वस्त्रालय में ज़रूर पहुंचे होंगें और अगर जाने का मौक़ा नहीं मिला होगा तो आपकी नज़र उस बड़े दुकान पर ज़रूर गई होगी,कपड़े की खरीददारी करने वाले लोग अक्सर कहा करते हैं जो एक बार उक्त दुकान में खरीददारी करता है वो हमेशा के लिए उस दुकान का ग्राहक हो कर रह जाता है जिसका कारण है दुकान के मालिक राजेश गुप्ता का ग्राहकों के साथ किया जाने वाला व्यवहार,उसी दिली व्यवहार को दिल में आत्मसात किए हुए उनके द्वारा पिछले कई सालों से छठ महापर्व के पावन मौक़े पर व्रतियों के बीच पूजा सामग्री का वितरण किया जा रहा है,उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उनके द्वारा आज भी अपने दुकान के बाहर स्टॉल लगा कर पूजा सामग्री के साथ साथ हजारों ईख,सैकड़ो साड़ी,सूट,ब्लाउज पीस पैंट शर्ट का वितरण किया गया।

समाजसेवा भी करते हैं: – सामग्री वितरण के पश्चात जब राजेश गुप्ता से हमने कहा की मेरा मानना है की गढ़वा के व्यवसायी केवल व्यवसाय ही नहीं करते बल्कि समाजसेवा भी करते हैं,उनके द्वारा मेरे कहे बातों का समर्थन करते हुए कहा गया की आप बिल्कुल सही कह रहे हैं,हमलोग को भले अपने व्यवसाय में रमे देखा जाता हो लेकिन उक्त व्यवसाय से होने वाले आय का कुछ प्रतिशत हम समाजसेवा में खर्च किया करते हैं,कहा की पर्व त्योहारों की बात तो अलग है लेकिन आम दिनों में भी जब किसी जरूरतमंदों की मदद करता हूं या कहीं किसी गांव में पहुंच सार्वजनिक रूप से लोगों को सहयोग करता हूं तो उस वक्त जो संतुष्टि दिल को होती है,जो खुशी महसूस होती है वो शायद इस जहां में किसी और काम को करने से नहीं होगी,इसलिए मैं आज के रोज़ सभी से करबद्ध अनुरोध करना चाहूंगा की जब भी आपको मौक़ा मिले आप किसी जरूरतमंद की मदद ज़रूर करें।