गिरफ़्तार हो गए अपराधी


आशुतोष रंजन
गढ़वा

मुखिया पति होने के साथ साथ जिस राजनीतिक पार्टी से अयूब मंसूरी ताल्लुक रखते थे,भले हत्या के बाद उक्त पार्टी द्वारा ना तो आक्रोश व्यक्त किया गया हो और ना ही कोई कदम ही उठाया गया हो,और भला वो पार्टी कैसे क़दम उठाती,पंचायत से ले कर राज्य तलक तो उसी की सरकार है,उसी का प्रशासनिक अमला है तो फ़िर गुस्सा करें भी तो किस पर करें,खैर पुलिस अपने हिसाब से काम कर रही थी और उस काम का सुपरिणाम सामने आया और हत्या में शामिल तीन अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए,कब और क्यों और किसने की थी हत्या आइए आपको वो बताते हैं जो कहानी पुलिस द्वारा बताई गई।

इस रोज़ हुई थी हत्या: – अयूब मंसूरी की हत्या किस रोज़ हुई थी इस विषयक आपको बताएं की गुज़रे 20 अक्टूबर की शाम सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से हो कर घर को लौटने और खाना खा कर फिर बाज़ार तरफ़ निकलने वाले अयूब को लक्ष्य कर अपराधियों द्वारा गोली चलाई गई,गोलीचालन के बाद अपराधी भाग गए,उधर गोली की आवाज़ सुन घटना स्थल पर पहुंचने वाले लोगों द्वारा उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों द्वारा बताया गया की उनकी मौत हो चुकी है,तो इस तरह मुखिया पति सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य की अपराधियों ने जान ले ली।

पड़ताल में जुटी पुलिस: – उधर घटना के बाद लोग आक्रोशित तो हुए ज़रूर लेकिन हर बार पुलिस द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया की जल्द गिरफ्तारी होगी,आश्वासन के अनुसार पुलिस काम भी कर रही थी,क्योंकि घटना के बाद पुलिस कप्तान अंजनी कुमार झा द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रंका सुदर्शन कुमार आस्तिक के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया,गठन के उपरांत टीम द्वारा अनथक मेहनत करते हुए मामले का अनुसंधान किया गया,और तब जा कर मालूमात हुआ की इन अपराधियों द्वारा हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है,उक्त घटना को चिनिया थाना क्षेत्र के सेमरटांड़ गांव निवासी सद्दाम अंसारी,धुरकी के करवा पहाड़ निवासी उदय कोरवा और शमशाद अंसारी द्वारा घटित कराया गया है,गिरफ्तारी के बाद तीनों अपराधकर्मी द्वारा हत्या के बावत ख़ुद की संलिप्तता स्वीकारी गई है,उधर जहां एक ओर गिरफ्त में लिए गए तीनों अपराधियों के अलावे एक और अपराधकर्मी को तलाशा जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर तीनों अपराधियों की निशानदेही पर बहुत बरामदगी भी की गई है।

पुलिस कह रही है: – आज यह हर कोई जानना चाह रहा है की अयूब मंसूरी की हत्या आख़िर किस कारण की गई,जैसा पुलिस द्वारा बताया गया उस अनुसार आपको बताऊं की गिरफ्तारी के बाद जब अपराधियों से पुलिस द्वारा पूछताछ की गई तो अपराधियों ने जो कारण बताया उसमें दो कारण ज़मीन विवाद और आपसी दुश्मनी तो सामान्य हैं क्योंकि वो कारण वर्तमान गुजर रहे वक्त में गढ़वा के जड़ में पेवस्त है,लेकिन तीसरा कारण जानने के बाद बड़ा अजीब सा लग रहा है क्योंकि तीसरा कारण अवैध संबंध बताया जा रहा है।

इस टीम ने की मेहनत: – एसपी के निर्देश का अनुपालन करते हुए हत्याकांड का खुलासा करने वाले टीम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रंका सुदर्शन कुमार आस्तिक,पुलिस निरीक्षक रामजी महतो,चिनिया थाना प्रभारी वीरेंद्र हांसदा,रमकंडा थाना प्रभारी शिवलाल कुमार,पुलिस अवर निरीक्षक श्रवण कुमार,पुलिस अवर निरीक्षक दयानंद यादव एवं पुलिस अवर निरीक्षक पिंकू कुमार के साथ दर्जनों पुलिस जवान शामिल रहे।