नहीं होने दूंगी रिश्वतखोरी


आशुतोष रंजन
गढ़वा

झारखंड में नगर निकाय चुनाव की घोषणा भले अभी होना बाक़ी है पर प्रत्याशियों को तारीखों का इंतज़ार कहां है वो तो लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं,जहां एक ओर उनके द्वारा मतदाताओं से मुलाक़ात कर ख़ुद को प्रत्याशी के रूप में पहचान कराया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर अनेक वायदे भी किए जा रहे हैं,हम बात यहां इसी राज्य के गढ़वा की कर रहे हैं जहां आगामी नगर परिषद चुनाव के संभावित प्रत्याशी मतदाताओं से क्या कह रहे हैं आइए आपको बताते हैं।

15 सालों का काम..5 साल में है करना: – समाजसेवा के ज़रिए लोगों के दिलों तक काफ़ी अरसा पहले से जगह बना चुकी अंजली गुप्ता भी अध्यक्ष पद की भावी प्रत्याशी हैं,वो वार्ड में पहुंच घर- घर जाकर लोगों से मुलाकात कर रही हैं,जहां एक ओर वो खुद को एक प्रत्याशी के रूप में पहचानित करा रही हैं तो वहीं लोगों से बातचीत के दरम्यान कहलवा भी रही हैं की आज इतने साल गुजरने के बाद भी नगर परिषद क्षेत्र का जो हाल है इसे ऐसा नहीं रहना चाहिए था,उधर अंजली की माने तो जिस उम्मीद के साथ लोगों ने अपना प्रतिनिधि चुना वो तो सरकारी राशि का बंदरबांट करने वाला निकला,आलम है की गुजरे पंद्रह साल पहले क्षेत्र का जो हाल था,आज भी कुछ नहीं बदला,यहां की जनता यानी क्षेत्र के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं,अंजली गुप्ता ने कहा की कितनी विडंबना की बात है की बड़ा काम कौन कहे आज तलक नगर परिषद द्वारा फुटपाथ दुकानदारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई,अगर उन दुकानदारों के लिए स्थाई व्यवस्था की जाती तो वो सड़क किनारे खतरे के जद में रह कर दुकान लगाने को विवश ना होते,साथ ही बताऊं की शहर में जब भी अतिक्रमण हटाने का अभियान चलता है उस कार्रवाई के जद में भी वो फुटपाथ दुकानदार ही आते हैं,ऐसे कई ज़रूरी काम हैं जिस पर आज तलक ध्यान नहीं दिया गया,नतीजा है की वो सारी समस्याएं सालों से ले कर अब तलक जड़वत हैं,कहा कि अगर नगर परिषद की जनता का सहयोग और आशीर्वाद मिला तो तो नगर परिषद क्षेत्र का सर्वांगीण विकास ही मेरी प्राथमिकता है, साथ ही कहा कि पिछले 15 साल गुजर जाने के बाद भी जो काम नहीं हुआ,उसे पांच साल में सरजमीन पर कार्यान्वित कराने का काम करूंगी ताकि गढ़वा नगर परिषद की एक अलग पहचान हो।

नहीं होने दूंगी रिश्वतखोरी: – अब तक तो यही देखने को मिला की पद पर आसीन प्रतिनिधि द्वारा कभी आवाम के पास जाना गंवारा नहीं किया गया,कभी यह जानने की कोशिश नहीं की गई की जिसके बहुमूल्य मत से हमें यह पद मिला है चलो उनका हाल जान लें,उनसे उनकी कुर्सी नहीं छोड़ी गई,अब आज जब चुनाव आया है तो उन्हें एक बार फिर से मतदाता याद आयेंगे जिन्हें बरगलाने और बहलाने वो उन तक उसी कुर्सी को छोड़ कर पहुंचेंगे और उनकी कोशिश रहेगी की लोग एक बार फिर से उनकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ जाएं ताकि उनकी बादशाहत के साथ साथ उनकी कुर्सी सलामत रह सके,पर वो मुगालते में हैं की अब लोग बहकावे में नहीं आने वाले,इस बार बदलाव की बयार बह रही है,प्रत्याशी अंजली गुप्ता द्वारा सबसे बड़ी बात तो यह कही गई की जिस तरह नगर परिषद रिश्वतखोरी में आकंठ डूबा हुआ है उससे निजात दिलाना भी मेरी पहली प्राथमिकता है,किसी भी गरीब लोगों से आवास निर्माण योजना में एक रुपया भी रिश्वत नहीं लेने दिया जाएगा,उक्त रिश्वतखोरी के गोरखधंधे को जड़ से समाप्त करते हुए एक साफ़ और स्वच्छ नगर परिषद स्थापित करूंगी।