16 करोड़ की लागत से पांच पुलों का होगा निर्माण,मिली प्रशासनिक स्वीकृति


आशुतोष रंजन
गढ़वा

गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न नदी नालों पर पांच उच्चस्तरीय पुल का निर्माण किया जाएगा, करीब 16 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इन पांच पुलों की ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार ने प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है,शीघ्र ही निविदा की प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

इन नदियों पर होगा पुल का निर्माण: – जानकारी देते हुए गढ़वा विधायक सह झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने बताया कि गढ़वा सदर प्रखंड,मेराल व रंका प्रखंड में एक-एक तथा रमकंडा में दो पुलों का निर्माण किया जयगा,इसके तहत रमकंडा प्रखंड के हरहे एवं चटकमान के बीच हातु नदी पर तीन करोड़ 21 लाख,51हजार रुपए की लागत से,बलीगढ़ ग्राम पंचायत के ग्राम कुसमार में सड़काही नदी पर दो करोड़ 74 लाख,94 हजार पांच सौ रुपए, गढ़वा सदर प्रखंड के नावाडीह के उरांव टोला में बंडा नदी (अन्नराज) पर तीन करोड़ सात लाख,20 हजार 600 रुपए, मेराल प्रखंड के पढ़ुआ एवं रकियाढेरी के बीच लोकल नाला पर तीन करोड़ 11लाख,पांच हजार 300 रुपए एवं रंका प्रखंड के चुतरू पंचायत में बांदू से अनहर रोड में सोरतघटी नदी पर तीन करोड़ आठ लाख,99 हजार 400 रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जाएगा।

उसे पूरा करता हूं: – मंत्री ने कहा कि वो जो वादा करते हैं उसे भूलते नहीं बल्कि पूरी तत्परता के साथ उसे पूरा करते हैं,उनके कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है,उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व एवं चुनाव के बाद भी क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की दुर्दशा देखी है और उसी समय उन सभी समस्याओं को दूर करने का संकल्प लिया है,जो अब एक एक कर पूरा किया जा रहा है,उक्त गावों में पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को बरसात के समय में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,परंतु अब आगामी बरसात से पूर्व ही ग्रामीणों की समस्या दूर हो जाएगी,पिछले कई दशकों से ग्रामीण इन पुलों के निर्माण की मांग कर रहे थे,पिछले चुनाव में क्षेत्र भ्रमण के दौरान मैंने ग्रामीणों से वादा किया था कि यदि मैं प्रतिनिधि बनता हूं तो अपने कार्यकाल में इनका निर्माण ज़रूर कराऊंगा,आज अपना वादा पूरा करते हुए मुझे असीम प्रसन्नता हो रही है,उन्होंने कहा कि समस्याएं अपार हैं और संसाधन सीमित हैं,उन्हीं सीमित संसाधनों में अपने लिए अधिकतम संभावनाओं की तलाश कर लेनी है,कहा कि रॉबर्ट फ़्रॉस्ट की ये पंक्तियां मुझे प्रासंगिक भी लगती हैं और हमेशा प्रेरित भी करती हैं।

ग़हन सघन मनमोहक वनतरु,
मुझको आज बुलाते हैं,
किंतु किए जो वादे हमने,
याद मुझे आ जाते हैं।
अभी कहां आराम बदा,
यह मूक निमंत्रण छलना है।
कि अभी तो मीलों मुझको,
मीलों मुझको चलना है।