उनकी दूर हो कसक इसलिए फेसबुक और whats app स्टेटस पर फोटो कीजिए अपलोड


आशुतोष रंजन
गढ़वा

कोई भी कलाकृति दिल से अनथक मेहनत करने के बाद स्वरूप में आता है,अब ज़रा अंदाज़ा लगाइए की आप जिस कलाकृति को तैयार किए हैं उसे अगर ख़ुद से ही मिटाएं तो कैसा महसूस होगा,इसका अहसास वही कर सकता है जिसने ऐसा किया हो,किसके द्वारा और क्यों ऐसा किया गया आइए आपको बताता हूं क्योंकि आप सभी लोग भी उस मिटा दिए गए अनूठी कलाकृति को सराहे थे।

उसी ने मिटाया: – जिन हाथों ने संवारा,उसी ने मिटाया”,जी हां मैं यह कोई पंक्ति नहीं कह रहा बल्कि वो सच्चाई बयां कर रहा हूं जो सामने आया,कल के हमारे ख़बर के बाद नहीं बल्कि आप सभी गढ़वा वासी तो उस रोज़ से उस अनूठी कलाकृति से वाक़िफ हैं जिस रोज़ वो आपके नज़रों के सामने नुमाया हुआ था,हम बात यहां श्री राम मंडली द्वारा बनाए गए प्रेम मंदिर की कर रहे हैं,रामनवमी में अपने रथ को मंडली द्वारा वृंदावन में अवस्थित प्रेम मंदिर का प्रारूप दिया गया था,कई रोज़ के लगातार अनथक मेहनत के बाद उक्त कलाकृति को गढ़ा गया था,और जब वो अपने पूर्ण स्वरूप में आया था तो ख़ुद मंडली के सदस्य भी उसे देख विस्मित सा हो गए थे,साथ ही जब उसे रामनवमी के रोज़ शहर में लाया गया तो हर देखने वाले लोग जहां एक ओर उसे देख आवाक रह गए साथ ही दूसरी ओर मंडली के सदस्यों की मेहनत को उन्मुक्त कंठ से सराहने के साथ साथ यह बोलते देखे गए की ऐसा लग रहा है की हम सभी उक्त मंदिर के प्रारूप को नहीं बल्कि वृंदावन में सशरीर मौजूद रह कर वास्तविक प्रेम मंदिर को निहार रहे हैं,लोग बताते हैं की उक्त रथ के आगे पीछे कई और आकर्षक रथ थे पर सबकी नज़रें केवल प्रेम मंदिर का ही दीदार कर रही थीं,लेकिन अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं उसे सुन कर निश्चित रूप से आपको भी उसी तरह आघात लगेगा जैसा श्री राम मंडली के सदस्यों को उस वक्त लगा जब उनकी मेहनत पारितोषिक से महरूम रही,आपको बताएं की जुलूस के बाद जैसे ही मंडली के सदस्य रथ को ले कर अपने नियत स्थल पर पहुंचे,तो जहां एक ओर उनका दिल कसक में डूबा था तो वहीं उनकी आंखें झर झर झर रही थीं,और तभी भावुकता वाला उनका चेहरा अचानक से तमतमा उठा और जिन सदस्यों द्वारा उक्त प्रेम मंदिर तैयार किया गया था उसे उन्हीं हाथों से मिटा दिया गया,अब आप सोचिए की जिन हाथों ने गढ़ा था उन्हीं हाथों ने मिटाया होगा तो उनके दिल में कैसी चोट लगी होगी,उसका अहसास तो मंडली के सदस्य ही कर रहे होंगें।

प्रेम मंदिर और श्री राम मंडली को ऐसे दीजिए सम्मान: – श्री राम मंडली के सदस्यों की दिली कसक दूर हो,खुद से कलाकृति मिटाए जाने से लगी चोट का दर्द भी काफुर हो,उन्हें लगे की हमें सम्मान मिला,इसलिए आपको बस एक छोटा सा काम करना है,आप सभी के मोबाइल में उनके द्वारा बनाए गए प्रेम मंदिर की तस्वीर है ही बस आप उसे अपने फेसबुक वॉल और स्टोरी के साथ साथ whats app के स्टेटस में लगाएं और मात्र इतना लिख दें की “सच में अनूठी थी आपकी कलाकृति,हमारे जेहन में आजीवन पेवस्त रहेगी आपकी यह नायाब कृति।”