इन दोनों पर अलग-अलग थानों में दर्ज हैं दर्जनों मामले


आशुतोष रंजन
गढ़वा

बूढ़ापहाड़ के इलाके के टॉप माओवादी कमांडर संतु भुइयां जबकि छकरबंधा के इलाके में टॉप माओवादी कमांडर राजेश ठाकुर ने आत्मसमर्पण कर दिया है,संतु भुइयां पर झारखंड की सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था,बुधवार को आयोजित एक समारोह में पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा,पलामू डीसी ए दोड्डे, पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा, गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा, सीआरपीएफ 134 बटालियन के कामांडेन्ट सुदेश कुमार के समक्ष दोनों टॉप माओवादी कमांडरों ने आत्मसमर्पण किया।

संतु भुइयां को बचपन में उठा ले गए थे माओवादी: – संतु भुइयां पलामू के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के सियरभोंका गांव का रहने वाला है,संतु ने पुलिस के अधिकारियों को बताया है कि 2004 में वह भाकपा माओवादी में शामिल हो गया था,इस दौरान वह 12 वर्ष का था,टॉप माओवादी कमांडर आरके उर्फ अनुराग उस गांव में पहुंचा था और गांव से पांच लड़कों की मांग की थी,पार्टी और गांव वालों के कहने पर वह और उसका दोस्त भोला भुइयां नक्सली दस्ते में शामिल हो गए थे,चंदू के चाचा कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे चाचा ने भी संगठन में शामिल होने का दबाव बनाया था,दस्ता में कुछ दिन सक्रिय रहने के बाद वह भाग गया था,बाद में माओवादी उसके गांव में पहुंचे और जमीन पर खेती करने से परिवार को रोक दिया,माओवादियों के दबाव में वो एक बार फिर से नक्सली संगठन में शामिल हो गया,बाद में वह माओवादियों का सब जोनल कमांडर बन गया।

दर्जनों बड़े हमले का आरोपी है संतु: – संतु भुइयां पर झारखंड और बिहार में दर्जनों बड़े नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है,पलामू पुलिस ने छत्तरपुर के एक नक्सल हमले के मामले में संतू भुइयां को न्यायिक हिरासत में भेजा है,संतु भुइयां 2012 तक झारखंड बिहार सीमा जबकि 2012 के बाद से बूढ़ापहाड़ में सक्रिय था,2012-13 भंडरिया के तत्कालीन थानेदार पर हमला करने का आरोप संतु भुइयां पर है,इस हमले में थानेदार समेत 13 पुलिस जवान शहीद हुए थे।

पत्नी के कैंसर का इलाज करवाने के लिए नक्सली बना था राजेश: – आत्मसमर्पण करने वाले टॉप माओवादी कमांडर राजेश ठाकुर ने पलामू पुलिस के अधिकारियों को बताया है कि 2014 में वह नक्सल संगठन में शामिल हुआ था,उसकी पत्नी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में थी,टॉप माओवादी कमांडर राकेश भुइयां उसके गांव में आता था,कैंसर के इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी,पैसों के लालच में वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया,लेकिन उसका शामिल होना सफ़ल नहीं हुआ,क्योंकि नक्सलियों ने उसकी कोई मदद नहीं की बाद में उसकी पत्नी की मौत भी हो गई,राजेश पलामू के नावाबाजार थाना क्षेत्र के तुकबेरा का रहने वाला है, राजेश पर झारखंड और बिहार में एक दर्जन से अधिक नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है,उधर सरेंडर करने के बाद संतु भुइयां को पांच लाख एवं राजेश ठाकुर को एक लाख का चेक दिया गया।