पुलिस ने लिया प्रेमी को हिरासत


आशुतोष रंजन
गढ़वा

कहा गया है की अपने जीवन में एक बार प्रेम हर कोई किया करता है,मैने भी किया,यह भी कहा जाता है की आपसी तकरार से प्रेम और प्रगाढ़ होता है,आपस में नोक झोंक आपका भी हुआ होगा,और मेरा भी हुआ था,लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ की मैं या मेरी प्रेमिका कभी ख़ुद को नुकसान पहुंचाए हों,पर आज ऐसा हुआ जब गढ़वा जिला मुख्यालय में रहने वाली एक प्रेमिका ने ख़ुद को घायल कर लिया,ऐसा होने पर जहां वो रहा करती है वहां रहने वाले लोगों ने बताया की अक्सर एक युवक उक्त लड़की से मिलने आता था,आज भी वो आया था,लेकिन कुछ ही देर के बाद दोनों में झगड़ा होने लगा और बात इतनी बढ़ी की लड़की ने हाथ में कई जगह काटते हुए ख़ुद को घायल कर लिया,दोनो के बीच हो रहे तेज़ बहस को सुन जब लोग उन तक पहुंचे तो देखे की लड़का अलग खड़ा है और लड़की दर्द से बिलख रही है,आनन फानन में लोगों ने शहर थाना को सूचित किया और उधर सूचना मिलते ही पहुंचे टाइगर मोबाइल पुलिस द्वारा युवक को थाना ले जाया गया,जहां उससे पूछताछ की जा रही है,अब यहां बताइए क्या इसे दिली मोहब्बत कहा जाना चाहिए,मोहब्बत में तो साथ जीने मरने की कसमें खाई जाती है,ऐसे ख़ुद को चोटिल और नुकसान पहुंचा कर प्यार परवान नहीं चढ़ाया जाता,अगर सच में एक दूसरे से प्यार है तो एक दूसरे की भावनाओं का कद्र करें,एक दूसरे को समझें और साथ ही यह भी कहूं की हर प्यार के आगाज़ का अंजाम शादी के बंधन में बंधना ही नहीं होता,क्योंकि जिस तरह मेरा प्यार विवाह तक ना पहुंच कर अधूरा रहा,ऐसे कई लोग होंगें जिन्हें अपने मोहब्बत को जीवन साथी बनाने की दिली चाहत रही होगी,लेकिन वो इसलिए पूरा नहीं होता,क्योंकि कहा जाता है की प्यार का पहला अक्षर ही अधूरा होता है,लेकिन उसके बावजूद भी आजीवन एक दूसरे के दिल में प्यार परवाज़ लेता रहे उसे ही तो सच्चा प्यार कहते हैं।